फिर एक बार हसीना सरकार, पांचवीं बार संभालेंगी बांग्लादेश की सत्ता; चुनाव में शामिल नहीं था विपक्ष…

शेख हसीना एक बार फिर बांग्लादेश में सत्ता के शीर्ष पर विराजमान होंगी। रविवार को हुए चुनाव में उन्होंने रिकॉर्ड पांचवीं बार चुनाव जीत लिया है। हालांकि विपक्ष के चुनाव बहिष्कार…

फिर एक बार हसीना सरकार, पांचवीं बार संभालेंगी बांग्लादेश की सत्ता; चुनाव में शामिल नहीं था विपक्ष…

शेख हसीना एक बार फिर बांग्लादेश में सत्ता के शीर्ष पर विराजमान होंगी।

रविवार को हुए चुनाव में उन्होंने रिकॉर्ड पांचवीं बार चुनाव जीत लिया है। हालांकि विपक्ष के चुनाव बहिष्कार के चलते मतदान बेहद कम रहा।

चुनाव अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि इस बार करीब 40 फीसदी मतदान हुआ है, हालांकि यह अभी अंतिम आंकड़ा नहीं है।

विपक्ष ने हसीना से चुनाव से पहले इस्तीफा देने की मांग की थी, जिसे उन्होंने मानने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद विपक्ष 48 घंटे की हड़ताल पर चला गया था।

चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया, मतगणना जारी है और हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग ने “50 प्रतिशत से अधिक सीटें जीत ली हैं।” 

बांग्लादेश के चुनाव अधिकारियों ने कहा कि प्रधान मंत्री शेख हसीना ने पांचवें कार्यकाल के लिए फिर से चुनाव जीत लिया है।

उधर, चुनाव का बहिष्कार करते हुए मुख्य विपक्षी दल ने शेख हसीना की सरकर पर देश को बर्बाद करने का आरोप लगाया।

उन्होंने चुनाव में धांधली से पहले पीएम शेख हसीना से इस्तीफा देने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। विपक्ष ने कहा कि हसीना सरकार ने बड़े पैमाने पर देश में मानवाधिकारों के हनन और विपक्ष पर निर्मम कार्रवाई की है।

गोपालगंज सीट से हसीना की शानदार सीट
बीडीन्यूज24 की खबर के अनुसार, हसीना ने गोपालगंज-3 संसदीय सीट पर फिर से शानदार जीत दर्ज की। वर्ष 1986 से इस सीट पर यह उनकी आठवीं जीत है।

हसीना को 2,49,965 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही मिले।

2009 से सत्ता संभाल रही हैं हसीना     
बांग्लादेश में वर्ष 2009 से हसीना (76) के हाथों में सत्ता की बागडोर है। इसबार, एकतरफा चुनाव में वह लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने वाली हैं।

उनका अब तक का यह पांचवां कार्यकाल होगा। उनकी पार्टी अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने दावा किया कि लोगों ने मतदान कर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के चुनाव बहिष्कार को खारिज कर दिया है।

कादिर ने कहा, मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने 12वें राष्ट्रीय संसदीय चुनावों में मतदान करने के लिए बर्बरता, आगजनी और आतंकवाद के खौफ का मुकाबला किया।

2018 के मुकाबले काफी कम मतदान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने बताया कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक मतदान लगभग 40 प्रतिशत था, लेकिन अभी यह आंकड़ा बदल सकता है। वर्ष 2018 के आम चुनाव में कुल मिलाकर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था।

इससे पहले, निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा, ”मतदान शाम चार बजे समाप्त होकर मतगणना शुरू हो गई थी।” उन्होंने बताया कि पूरे नतीजे सोमवार तड़के तक आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अनियमितताओं को लेकर सात मतदान केंद्रों पर मतदान स्थगित कर दिया गया है।

300 में से 299 निर्वाचन क्षेत्रों पर शांत रहा मतदान     
चुनाव आयोग ने कहा कि हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा, 300 में से 299 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा।

खबरों के अनुसार, नरसिंगडी में एक और नारायणगंज में दो मतदान केंद्रों पर मतदान रद्द कर दिया गया। निर्वाचन आयोग ने नरसिंगडी में चुनावी धांधली के आरोपों पर उद्योग मंत्री नुरुल माजिद महमूद हुमायूं के बेटे को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।

चुनाव में झड़प कहां-कहां हुई
उधर, चटगांव-10 सीट से चुनाव लड़ रहे दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प के दौरान गोलियां चलाई गईं। दो लोगों, 24 वर्षीय शांतो बरुआ और 35 वर्षीय जमाल को गोली मार दी गई और उन्हें चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया।

जमालपुर के शरीशाबाड़ी में एक मतदान केंद्र पर अवामी लीग के उम्मीदवार और एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थकों के बीच झड़प के बाद दो लोग घायल हो गए।

ढाका के हजारीबाग में एक मतदान केंद्र के पास दो देशी बम विस्फोट होने से एक बच्चा सहित चार लोग घायल हो गए।

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