चीन-पाक की अक्ल लगेगी ठिकाने, अमेरिका से भारत को मिलने जा रहे खास ड्रोन; क्या हैं खासियतें…

भारत को अमेरिका से मिलने वाले प्रीडेटर ड्रोन का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने प्रीडेटर ड्रोन निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स को सूचित किया कि अमेरिकी कांग्रेस…

चीन-पाक की अक्ल लगेगी ठिकाने, अमेरिका से भारत को मिलने जा रहे खास ड्रोन; क्या हैं खासियतें…

भारत को अमेरिका से मिलने वाले प्रीडेटर ड्रोन का रास्ता साफ हो गया है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने प्रीडेटर ड्रोन निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स को सूचित किया कि अमेरिकी कांग्रेस ने भारत को 31 एमक्यू9बी ड्रोन बिक्री की मंजूरी दे दी है।

ड्रोन निर्माण कंपनी ने मोदी सरकार के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दे दी है। भारत को मिलने वाले प्रीडेटर ड्रोन दुश्मन की अक्ल ठिकाने लगाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। 

ये इतने ताकतवर हैं, जो 40 हजार फीट की ऊंचाई तक दुश्मन पर नजर रख सकते हैं और 450 किलोग्राम से ज्यादा वजन के बमों को लेकर उड़ान भर सकते हैं। इनकी और भी कई खासियत हैं, जानिए।

पीटीआई की रिपोर्ट है कि प्रीडेटर ड्रोन के लिए भारत और अमेरिका में 3 अरब डॉलर का सौदा हुआ है।

इस पूरे मामले में हालांकि मोदी सरकार ने कुछ नहीं कहा है लेकिन, वाशिंगटन के सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारत को 31 एमक्यू (बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन) की बिक्री की अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी। 

कितने ड्रोन मिलेंगे
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के साथ 31 प्रीडेटर ड्रोन देने का सौदा किया है। इसमें भारतीय नौसेना को सबसे ज्यादा 15 मिलेंगे। वहीं, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को आठ-आठ ड्रोन दिए जाएंगे।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने ऑन रिकॉर्ड कहा, “आम तौर पर, पिछले दशक से अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। ड्रोन सौदा एक प्रस्तावित बिक्री है जिसकी घोषणा पिछले साल प्रधान मंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान की गई थी। हमारा मानना ​​है कि यह भारत के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग और सैन्य सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”

प्रीडेटर ड्रोन की खासियत
प्रीडेटर ड्रोन यूएवी तकनीक से लैस हैं। इसका मतलब है कि इसे रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन में मिसाइलों को तैनात किया जा सकता है।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह दुश्मन के ठिकाने पर सटीक निशाना लगा सकता है। इसके दो वैरिएंट हैं।  

एक स्काई गार्जन और दूसरा सी (समुद्र) गार्जन। यानी यह हवा और समुद्र दोनों क्षेत्रों में सेनाओं को काफी फायदा दे सकता है। एमक्यू-9बी ड्रोन हवा में 35 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है, जिससे इसे लंबे समय तक दुश्मन की निगरानी की जा सकती है।

450 किलोग्राम वजनी बमों के साथ उड़ान भरने की काबलियत 
प्रीडेटर ड्रोन 5670 किलोग्रीम ढोने की क्षमता रखता है और इसकी फ्यूल क्षमता 2721 किलोग्राम है। प्रीडेटर ड्रोन 40 हजार फीट की ऊंचाई तक ऑपरेट हो सकता है।

ये 450 किलोग्राम के बमों को भी लेकर उड़ान भर सकता है। ये ड्रोन इतने अत्याधुनिक हैं जो जमीन, समुद्र और हवा में बहुत कारगर हैं।

प्रीडेटर ड्रोन ऑटोमैटिक टेक-ऑफ और लैंडिंग की भी काबिलियत रखता है और इसे रात-दिन दोनों वक्त ऑपरेट किया जा सकता है।