भारत के Budget 2024 में मालदीव को बड़ा झटका, सहायता राशि में 22 फीसदी तक कटौती, श्रीलंका की बल्ले-बल्ले…

 गुरुवार को मोदी सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में सराकर ने अपने 10 साल के कामों का भी उल्लेख किया।…

भारत के Budget 2024 में मालदीव को बड़ा झटका, सहायता राशि में 22 फीसदी तक कटौती, श्रीलंका की बल्ले-बल्ले…

 गुरुवार को मोदी सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया।

इस बजट में सराकर ने अपने 10 साल के कामों का भी उल्लेख किया। टैक्स स्लैब को मन मुताबिक राहत न देने से इतर मोदी सरकार ने मालदीव की मुइज्जू सरकार को तगड़ा झटका दिया है।

संसद में दिए भाषण में सीतारमण ने पहले लक्षद्वीप समेत अन्य भारतीय द्वीपों में विभिन्न परियोजनाओं के लिए बजट की घोषणा की तो मालदीव को मिलने वाली सहायता राशि में कटौती की भी बात कही।

सरकार द्वारा जारी अंतरिम बजट दस्तावेज़ के अनुसार, भारत ने 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए मालदीव को सहायता में 22 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव दिया है।

हालांकि इससे उलट श्रीलंका, अफ्रीकी देशों, मॉरीशस और सेशेल्स के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी की गई है।

मालदीव में बुनियादी विकास के लिए सहायता के रूप में भारतीय सरकार की तरफ से 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो सरकार द्वारा विदेशी देशों को दी जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी सहायता है।

2023-24 में मालदीव को 770.90 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जो 2022-23 में दिए गए 183.16 करोड़ रुपये से 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। दरअसल, सरकार ने बजट 2023 में मालदीव के लिए शुरुआत में 400 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

बाद में इसे संशोधित कर 770.90 करोड़ रुपये कर दिया गया। पिछले कुछ वर्षों से, भारत मालदीव को सहायता देने में अग्रणी रहा है। द्वीप राष्ट्र को भारत की तरफ से दी जाने वाली सहायता में रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

लेकिन, गुरुवार को अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मालदीव को दी जाने वाली सहायता में 22 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव दिया है। 

अन्य देशों को भी सहायता में 10 फीसदी की कटौती
हालांकि, सिर्फ मालदीव ही नहीं, मोदी सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विदेशी देशों को सहायता के अपने कुल आवंटन में 10 प्रतिशत की कटौती की है।

भारत ने 2024-25 के लिए विदेशी देशों की सहायता के लिए 4883.56 करोड़ रुपये अलग रखे हैं, जो कि 2023-24 के बजट में 5426.78 करोड़ रुपये से कम है।

दिलचस्प बात यह है कि गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में लक्षद्वीप का भी जिक्र किया। सीतारमण ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सीतारमण ने कहा, “केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को अपने पर्यटक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार से पूरा ध्यान मिलेगा।”

मालदीव से ज्यादा श्रीलंका को मदद
अंतरिम बजट के अनुसार, भूटान और नेपाल भारत की तरफ से सहायता पाने वाले शीर्ष दो देश होंगे। जहां भूटान को विकासात्मक सहायता के लिए 2068.56 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, वहीं नेपाल के लिए 700 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। अन्य देश जिनका आवंटन 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए कम किया गया है उनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और लैटिन अमेरिकी राष्ट्र शामिल हैं। दूसरी ओर, श्रीलंका, अफ्रीकी देशों, मॉरीशस और सेशेल्स के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी की गई है।

गौरतलब है कि हाल ही में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के कुछ मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों के बाद भारत और मालदीव में राजनयिक विवाद शुरू हो गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया और वहां की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। इसे मालदीव में द्वीप राष्ट्र के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में लक्षद्वीप को बढ़ावा देने के रूप में देखा गया। दोनों देशों के बीच शुरू हुए इस विवाद के कारण कई होटल बुकिंग और मालदीव के लिए उड़ान टिकटों को रद्द करना पड़ा। ऐसा माना जाता है कि मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत विरोधी और चीन समर्थक हैं।