बाइडन या ट्रंप? व्लादिमीर पुतिन किसे देखना चाहते हैं अमेरिका का अगला राष्ट्रपति; बताई अपनी पसंद…

अगले साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इस पद की दावेदारी के लिए अमेरिका में कई नाम रेस में हैं। मगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किस तरह…

बाइडन या ट्रंप? व्लादिमीर पुतिन किसे देखना चाहते हैं अमेरिका का अगला राष्ट्रपति; बताई अपनी पसंद…

अगले साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।

इस पद की दावेदारी के लिए अमेरिका में कई नाम रेस में हैं। मगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किस तरह के राष्ट्रपति को अमेरिका की सत्ता संभालते हुए देखना चाहते हैं? क्रेमलिन ने अपने एक बयान में बताया कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति को पसंद करेंगे जो दोनों देशों के बीच बातचीत के महत्व को समझता हो।

पुतिन ने खुले तौर पर किसी नाम का जिक्र नहीं किया मगर उनके इस बयान से एक बार फिर से चर्चाओं का दौर शुरू हो जाएगा।

किसे अमेरिका का राष्ट्रपति देखना चाहते हैं पुतिन
यह पूछे जाने पर कि क्या पुतिन अमेरिकी चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ काम करना पसंद करेंगे? इस सवाल क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने ब्रॉडकास्टर एनबीसी न्यूज को बताया कि रूसी नेता किसी भी व्यक्ति के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।

बता दें अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर काबिज रहने के दौरान ट्रंप, पुतिन के नेतृत्व शैली की तारीफ कर चुके हैं। मौजूदा वक्त में भी अमेरिकी सियासत में ट्रंप को पुतिन का करीबी बताया जाता रहा है।

इसके अलावा ट्रंप कई बार यह कह चुके हैं कि यदि वह दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो उनके पास 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन संघर्ष को हल करने का रास्ता होगा।

फरवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से पश्चिमी देशों की रूस के साथ तल्खियां बढ़ गईं। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका ने रूसी शासन के साथ संबंध रखने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं रूस लंबे समय से पश्चिमी देशों पर युद्ध को भड़काने का आरोप लगाता रहा है।

फिर चुनाव लडेंगे पुतिन
बता दें रूस के राष्ट्रपति पुतिन एक बार फिर चुनाव लड़ने वाले हैं। हालांकि रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वह इस बार पार्टी के टिकट पर नहीं बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।

रूस की सरकारी आरआईए न्यूज एजेंसी ने एक सांसद के हवाले से कहा है कि पुतिन के साथ बड़ा जनसमर्थन होगा लेकिन पार्टी के नाम पर इस बार वह चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे।