भारत के सबसे बड़े समुद्री पुल पर कितना लगेगा टोल टैक्स, कार चालकों को बड़ी राहत…

अटल सेतु के नाम से मशहूर MTHL यानी मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक उद्घाटन के लिए तैयार है। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को इसका उद्घाटन करने जा…

भारत के सबसे बड़े समुद्री पुल पर कितना लगेगा टोल टैक्स, कार चालकों को बड़ी राहत…

अटल सेतु के नाम से मशहूर MTHL यानी मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक उद्घाटन के लिए तैयार है।

खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं। अब खबर है कि गुरुवार को ही महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस ब्रिज पर टोल टैक्स को लेकर प्रस्ताव पास कर दिया गया है।

इसके तहत यहां से गुजरने वाली कारों को एक तरफ की यात्रा के लिए 250 रुपये टोल देना पड़ेगा।

खास बात है कि यह समुद्र पर बना भारत का सबसे लंबा पुल है। इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा था, ‘अगली पीढ़ी की अवसंरचना, जो लोगों के लिए ‘जीवन यापन में आसानी’ को बढ़ावा देगी।’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि 6 लेन का यह पुल सेवरी से न्हावा तक जाएगा। इसकी वदद से मुंबई, नवी मुंबई, रायगढ़, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा हाईवे की दूरी में कमी आएगी।

पहले MMRDA यानी मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने हर ट्रिप पर 500 रुपये के टोल पर मुहर लगाई थी।

बाद में अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (UDD) ने इसमें संशोधन किया और कारों के लिए 250 रुपये तय किए गए। प्रस्तावित टोल 2024 से लेकर 2053 यानी 30 सालों के लिए है। शुरुआती 5 सालों में यातायात और अन्य मुद्दों पर नजर खी जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टोल दरों में हर साल 6 फीसदी का इजाफा भी होगा। अटल सेतु पर कारों को एक बार के लिए 250 रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि, वापसी की यात्रा और बार-बार आने जाने पर इनमें बदलाव भी होगा।

किस वाहन के लिए कितना टोल
खबर है कि कारों के अलावा मिनी बसों को 560 रुपये टोल चुकाना होगा। जबकि, बस या 2 एक्सल ट्रकों को 1180 रुपये का भुगतान करना होगा।

3 एक्सल ट्रक के लिए 1290 रुपये टोल तय किया गया है। जबकि 4-6 एक्सल वाले ट्रकों को 1850 रुपये टोल देना होगा। इनके साथ ओवरसाइज वाहनों को पुल पर सफर के लिए 2250 रुपये भरने होंगे।

कैसा है पुल
21.8 किमी लंबा MTHL 17 हजार 843 करोड़ रुपये में तैयार हुआ है। इसका 16.50 किमी का हिस्सा समुद्र और 5.50 किमी जमीन पर है।

कहा जाता है कि मुंबई के द्वीप शहर को मुख्य शहर के जोड़ने का विचार साल 1962 में पहली बार किया गया था। इसका मकसद मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, गोवा, पनवेल और अलीबाग जैसे इलाकों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाना था।