गाजा में नेतन्याहू फेल, अब हिजबुल्लाह का भी खतरा; इजरायल के पूर्व जनरल ने ही खोल दी पोल…

नए साल के साथ ही इजरायली सेना आईडीएफ ने गाजा में हमले और तेज कर दिए हैं। जेरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट है कि इजरायल ने गाजा के कई इलाकों पर…

गाजा में नेतन्याहू फेल, अब हिजबुल्लाह का भी खतरा; इजरायल के पूर्व जनरल ने ही खोल दी पोल…

नए साल के साथ ही इजरायली सेना आईडीएफ ने गाजा में हमले और तेज कर दिए हैं।

जेरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट है कि इजरायल ने गाजा के कई इलाकों पर बमवर्षा की है। इस हमले में मरने वाले ज्यादातर आम नागरिक हैं।  

हमास द्वारा नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायल ने उन जगहों पर हमले किए हैं, जिन स्थानों को आईडीएफ आम नागरिकों के लिए सुरक्षित जगह मानती है।

इस बीच इजरायल के पूर्व जनरल ने गाजा के युद्ध में पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के फेल होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि आईडीएफ हमास का मुकाबला करने और सुरंगों पर नियंत्रण करने में नाकाम रही है।

अब उस पर हमास ही नहीं हिजबुल्लाह के हमले का भी खतरा मंडरा रहा है।

इजरायल के सेवानिवृत्त जनरल यित्ज़ाक बारिक ने दावा किया है कि इजराइल गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध में अपने लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहा है और वह हमास को नष्ट करने जैसे “काल्पनिक कार्यों” का लक्ष्य बना रहा है। उन्होंने कहा कि इजरायल हमास का मुकाबला करने और सुरंगों पर नियंत्रण करने में नाकाम रहा। 

हिजबुल्लाह से युद्ध का खतरा
आईडीएफ के पूर्व दिग्गज बारिक ने चेतावनी दी है कि हमास के खिलाफ जंग में उलझे इजरायल पर अब लेबनान के आतंकी समूह हिजबुल्लाह के हमले का भी खतरा है।

उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के साथ भी इजरायल के युद्ध की संभावना है। हिजबुल्लाह गाजा में हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराता है। इस पर उसने 7 अक्टूबर के बाद से इजरायल की घेराबंदी भी की है। इजरायल भी हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर हमला करता रहा है।

जब 2006 में इजरायल ने मुंह की खाई
बात 2006 में इजरायल-लेबनान युद्ध की है। हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। इजरायल ने इस युद्ध को खत्म करने के लिए एक या दो दिन का वक्त मांगा था।

हालांकि 33 दिनों तक चले इस युद्ध में इजरायल को हार का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध में इजरायल को 200 से 250 सैनिक, 20टैंक, 3 हैलीकॉप्टर, 1 पोत, लगभग 50 नागरिक खोने पड़े।

जबकि दूसरी तरफ 150 से 200 हिजबुल्लाह लड़ाके, लगभग 800 – 900 लेबनानी नागरिक मारे गए थे।