पाकिस्तान का निकलेगा दिवाला, महंगाई में पड़ोसी बनाएगा रिकॉर्ड; चाय से चिकन तक सबकुछ होगा महंगा…

पाकिस्तान यूं तो एक लोकतांत्रिक देश होने का दंभ भरता है, मगर वहां की सियासत उसे पूरी तरह से खा गई है। एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि…

पाकिस्तान यूं तो एक लोकतांत्रिक देश होने का दंभ भरता है, मगर वहां की सियासत उसे पूरी तरह से खा गई है।

एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि आने वाले दिनों पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था एक नया रिकॉर्ड बनाएगी। पाकिस्तान की महंगाई लोगों का जीना मुहाल करने वाली है।

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भविष्यवाणी की है कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान पाकिस्तान में क्षेत्र में सबसे ज्यादा महंगाई और सबसे कम आर्थिक विकास दर होगी। डॉन न्यूज के मुताबिक, एशियन डेवलपमेंट बैंक ने डेवलपमेंट आउटलुक रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट में इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान में आर्थिक विकास दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, एडीबी ने यह भी अनुमान लगाया है कि इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान में औसत महंगाई 25 फीसदी रहेगी।

पाकिस्तान में रिकॉर्डतोड़ होगी महंगाई
इसके अलावा रिपोर्ट में भारत के अलावा अन्य देशों की अर्थव्यवस्था पर ब्योरा दिया गया है। भारत में जहां चालू वित्त वर्ष में महंगाई दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि बांग्लादेश में महंगाई दर 8.4 फीसदी और भूटान में महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में मालदीव में महंगाई दर 3.2%, नेपाल में 6.5% और श्रीलंका में 7.5% रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आर्थिक विकास दर 7 फीसदी, बांग्लादेश में आर्थिक विकास दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस से भी कम रहने का अनुमान है।

डेवलपमेंट आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम भी से कम रहने की उम्मीद है।

पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था के लिए सियासत जिम्मेदार
इसके अलावा इस वित्त वर्ष में श्रीलंका की आर्थिक विकास दर पाकिस्तान के बराबर यानी 1.9 फीसदी रहने की संभावना है। एडीबी ने कहा कि अगले साल पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर 2.8% रहने की संभावना है।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल पाकिस्तान में यदि राजनीतिक स्थिरता रही तो वहां महंगाई दर के कम होने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की वजह अर्थव्यवस्था का यह आलम है। यदि ऐसी ही स्थिति रहेगी तो पाकिस्तान में चाय से चिकन तक सबकुछ महंगा होने वाला है।