वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम और मौसम विभाग की चेतावनी ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में इन दिनों तेज बारिश का दौर देखने को मिल रहा है। भारत के मौसम विभाग ने भी इस वर्ष सामान्य से ज्यादा बारिश…

वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम और मौसम विभाग की चेतावनी ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में इन दिनों तेज बारिश का दौर देखने को मिल रहा है। भारत के मौसम विभाग ने भी इस वर्ष सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। इसी बीच वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम और मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस बार रिकॉर्ड बारिश होगी। देश में ज्यादा बारिश खेती-किसानी और जन जीवन के लिए आफत बनेगी। इस चेतावनी के बाद किसान सबसे अधिक चिंतित हैं। वहीं वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि 2015-2021 के बीच ज्यादा बारिश होने से करीब 34 मिलियन हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई जब देश में एक जून से अब तक सामान्य से 5 फीसदी बारिश हो रही है। ऐसे में ये सवाल फिर उठ रहा है कि क्या इस बार भी ज्यादा बारिश से नुकसान होगा या नहीं?
वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व में हुई अधिक बारिश से भारत में फसलों को नुकसान हुआ है। देश में करीब 40 फीसदी आबादी खेती और उससे जुड़े संसाधनों पर निर्भर है। 2015 से 2021 के बीच 33.9 मिलियन हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ। जबकि सूखे के कारण 35 मिलियन हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई। देश में 2021 में 159 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि, तेज बारिश और बाढ़ के मुकाबले सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को सूखे से होता है। जब भी ज्यादा बारिश होती तो इससे रबी की फसलों को ज्यादा फायदा होता है। ज्यादा बारिश और ज्यादा सूखा में से अक्सर ज्यादा सूखा ही किसानों के लिए तुलनात्मक रूप से अधिक नुकसानदेह होता है, क्योंकि बारिश का प्रभाव कुछ दिनों तक ही रहता है। वहीं, सूखे का प्रभाव लंबी अवधि तक रहता है। वहीं, जिस साल ज्यादा बारिश होती है उस साल अक्सर रबी की फसल अच्छी रहती है। ऐसे में किसानों को काफी हद तक नुकसान की भरपाई हो जाती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे पश्चिम बंगाल पर कम दबाव का क्षेत्र बना है जिसके और संघटित होने की संभावना है। इसके प्रभाव से अगले सप्ताह के दौरान पूर्वी और मध्य भारत में तेज बारिश होने का अनुमान है। इसके अलावा, अगले 2-3 दिनों के दौरान केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, 20 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक रूप से हल्की/मध्यम वर्षा हो सकती है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान में भी छिटपुट से लेकर व्यापक वर्षा होने की संभावना है।