मालदीव जाने वालों में भारत से आगे निकला चीन, विवाद का असर या क्या वजह; सामने आया आंकड़ा…
मालदीव को लेकर भारतीयों का मोहभंग हो गया है। अपने खूबसूरत बीच और लग्जरी टूरिज्म के लिए मशहूर इस देश में जाने वाले भारतीयों की संख्या में जबर्दस्त गिरावट आई…
मालदीव को लेकर भारतीयों का मोहभंग हो गया है।
अपने खूबसूरत बीच और लग्जरी टूरिज्म के लिए मशहूर इस देश में जाने वाले भारतीयों की संख्या में जबर्दस्त गिरावट आई है।
जहां पहले मालदीव जाने के मामले में भारत तीसरे नंबर पर था। वहीं, अब यह खिसककर पांचवें नंबर पर आ चुका है।
मालदीव टूरिज्म मिनिस्ट्री द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक बीते तीन हफ्तों के अंदर यह गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी तरफ चीन इस लिस्ट में अब तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है।
तनावपूर्ण रहे हैं संबंध
गौरतलब है कि हाल ही में भारत और मालदीव के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। यह तब हुआ था जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप के दौरे पर पहुंचे थे।
पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा के बाद कहा था कि लोगों को इसे भी अपनी एडवेंचर लिस्ट में शामिल करना चाहिए। हालांकि बाद में राष्ट्रपति मुइज्जू ने ऐक्शन लिया था।
इसको लेकर मालदीव के मंत्रियों और सांसदों ने आपत्तिजनक बातें लिखी थीं। इसके विरोध में सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव की मुहिम चली थी।
माना जा रहा है कि मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में गिरावट इसी विवाद की देन है।
बता दें कि भारतीय पर्यटक लंबे समय से मालदीव के लिए काफी अहम रहे हैं। साल 2023 में मालदीव के टूरिज्म मार्केट में करीब 11 फीसदी भारतीयों का योगदान था।
क्या हुआ था इसके बाद
मालदीव के मंत्रियों-नेताओं की पोस्ट के बाद जब विवाद बढ़ा तो इन लोगों ने अपनी ट्वीट्स डिलीट कर दी थी। मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने सफाई पेश करते हुए बयान दिया था कि इस तरह के बयानों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने यहां तक कहा था कि मालदीव अपने सहयोगियों के साथ बेहतर संबंध के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह के एक बयान में यह भी कहा गया था कि मालदीव सरकार भारत के साथ संबंध खराब नहीं कर सकती है।
इसमें यहां तक कहा गया था कि ऐसा करना इकोनॉमिक सुसाइड होगा।
भारतीय शेयर में गिरावट
मालदीव की टूरिज्म मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2024 की शुरुआत 7.1 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ अपने पर्यटन में तीसरे सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में की, जबकि चीन शीर्ष 10 बाजारों की सूची में भी नहीं था।
हालांकि, राजनयिक तनाव के बाद संख्या में अचानक बदलाव देखा गया। मालदीव पर्यटन के लिए भारत की बाजार हिस्सेदारी 28 जनवरी तक 8 प्रतिशत थी, चीन और ब्रिटेन ने शीर्ष 10 की सूची में क्रमशः तीसरा और चौथा स्थान लेते हुए देश को पीछे छोड़ दिया।
हालांकि, राजनयिक तनाव के बाद संख्या में अचानक बदलाव देखा गया। मालदीव पर्यटन के लिए भारत की बाजार हिस्सेदारी 28 जनवरी तक 8 प्रतिशत थी, चीन और ब्रिटेन ने शीर्ष 10 की सूची में क्रमशः तीसरा और चौथा स्थान लेते हुए देश को पीछे छोड़ दिया।