महादेव के महाभक्त…54 फीट का कांवड़, 3 क्विंटल वजन, 54 घंटे में पटना से पहुंचे देवघर

देवघर: सावन के महीने में देवघर के बाबा धाम में देश के कोने-कोने से और तरह-तरह के कवर लेकर बाबा धाम पहुंचते हैं और जलाभिशके करते हैं. माना जाता है…

महादेव के महाभक्त…54 फीट का कांवड़, 3 क्विंटल वजन, 54 घंटे में पटना से पहुंचे देवघर

देवघर: सावन के महीने में देवघर के बाबा धाम में देश के कोने-कोने से और तरह-तरह के कवर लेकर बाबा धाम पहुंचते हैं और जलाभिशके करते हैं. माना जाता है की कंधे पर कमर लेकर अगर आप बाबा धाम पहुंचते हैं और जलाभिषेक करते हैं तो आपकी सभी प्रकार की मनोकामना है बाबा बैद्यनाथ अवश्य पूर्ण करेंगे. सात जन्म के पाप मिट जाएंगे. इसी क्रम मे पटना सिटी से कांवरियों की एक जत्था 54 फीट की कांवड़ लेकर देवघर के बाबा धाम पहुंचे.

54 फ़ीट का कांवड़ लेकर पहुंचा कांवरिया का जत्था 
पटना सिटी के रहने वाले 54 फीट का कांवड़ संघ के अध्यक्ष विशाल शिवधारी ने जानकारी देते हुए कहा कि वह पिछले 16 सालों से 54 फीट की कवर लेकर सुल्तानगंज से जल भरकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर देवघर के बाबा धाम पहुंच रहे हैं. इस कावर यात्रा में कुल 500 कावड़िया रहते हैं. इसमें 50 से अधिक महिला शामिल होती है. वही इस पावर का वजन करीब 300 किलो तक का रहता है. इस कांवड़ को कंधा देने से भक्ति की सभी प्रकार की भय, कष्ट, रोग दोष समाप्त हो जाती है.

आकर्षक होती है यह कांवरिया 
54 फ़ीट के इस कांवड़ मे भगवान शिव के साथ शक्ति भी विराजमान रहती है. इसके साथ ही भगवान श्री गणेश, शक्ति के देवता माने जाने वाले बजरंगबली भी विराजमान होते है. वही जो भी वक्त इस कांवड़ को कन्धा देता है उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण हो जाती है.

54 घंटे मे तय करनी होती है दूरी
सुल्तानगंज से देवघर की दूरी 105 किलोमीटर तक है. इस दूरी को पटना सिटी के कांवरिया संघ 54 फीट कांवड़ लिए मात्र 54 घंटे में तय करते हैं. यही उनका संकल्प रहता है.