वायनाड में तबाही ही तबाही

नई दिल्ली । केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढक़र 174 हो गयी, जबकि 225 लोग अब भी लापता हैं। घटनास्थल पर मौजूद…

वायनाड में तबाही ही तबाही

नई दिल्ली । केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढक़र 174 हो गयी, जबकि 225 लोग अब भी लापता हैं। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार, कुल 191 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मंगलवार को केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी पंचायत के वेल्लारीमाला गांव के मुंडक्कई और चूरलमाला में भीषण भूस्खलन हुआ था। इसने भीषण तबाही मचाई है। अब तक कुल 89 शवों की पहचान हो चुकी है और 143 शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है।

भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढक़र 174 हुई, 225 लापता


मलप्पुरम जिले के पोथुक्कल से मुंडेरी इलाकों के बीच चलियार नदी से 72 शव बरामद किए गए, जिनमें से 13 शव बुधवार को बरामद किए गए। यह स्थान मुंडक्कई में दुर्घटना स्थल से लगभग 38 किलोमीटर दूर है। मुंडक्कई में घरों के मलबे से 14 शव बरामद किये गये। इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। मुंडक्कई में 500 से अधिक घरों के लगभग 1,000 पीडि़तों के रहने के लिए आठ राहत शिविर स्थापित किये गये हैं।

बचाव अभियान जारी


मुंडक्कई में केवल 30 घर बचे हैं। सेना, नौसेना, तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, केरल पुलिस विशेष बल, श्वान दस्ता और स्थानीय स्वयंसेवकों के लगभग 600 बचाव कर्मी मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं। उन्होंने लगभग 250 फंसे हुए लोगों को बचाया है। गौरतलब है कि 30 जुलाई को भूस्खलन में पुल बह जाने के बाद सेना के जवानों ने चूरलमाला को मुंडक्कई से जोडऩे के लिए बेली ब्रिज का निर्माण शुरू कर दिया है। राजस्व मंत्री के। राजन और पांच सदस्यीय मंत्री दल अब भी बचाव और खोज अभियान में सहायता के लिए मुंडक्कई में डेरा डाले हुए है।