बैंक कर्मियों पर वर्क प्रेशर बढ़ रहा है, एआई के असर का फिलहाल एनालिसिस कर रहे हैं: के रवि कुमार

 सीबीओए की एग्जीक्युटिव कमेटी की दो दिवसीय मीटिंग का शुभारंभ भोपाल ।   भारतीय बैंकिंग इंडस्ट्रीज दुनिया की सबसे मजबूत और विश्वसनीय इंडस्ट्रीज में से एक है। तमाम टेक्निकल एडवांसमेंट आने…

बैंक कर्मियों पर वर्क प्रेशर बढ़ रहा है, एआई के असर का  फिलहाल एनालिसिस कर रहे हैं: के रवि कुमार

 सीबीओए की एग्जीक्युटिव कमेटी की दो दिवसीय मीटिंग का शुभारंभ
भोपाल ।   भारतीय बैंकिंग इंडस्ट्रीज दुनिया की सबसे मजबूत और विश्वसनीय इंडस्ट्रीज में से एक है। तमाम टेक्निकल एडवांसमेंट आने के साथ ही बैंक कर्मियों पर वर्क प्रेशर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। आने वाले समय में बैंकिंग सेक्टर में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्तेमाल बढ़ेगा। इससे कस्टमर्स का बेनिफिट होगा तो ठीक है, लेकिन यदि नौकरियों पर बात आई तो हम इसका विरोध करेंगे। फिलहाल हम एआई के असर का एनालिसिस कर रहे हैं। यह कहना है आॅल इंडिया बैंक आॅफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और केनरा बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन (सीबीओए) के जनरल सेक्रेटरी के रवि कुमार का। सीहोर में आयोजित केनरा बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन की एग्जीक्युटिव कमेटी की दो दिवसीय मीटिंग के मौके पर चेयरमैन जैकब पी चित्ताअट्टूकलाम, प्रेसिडेंट राजीव निगम, जाइंट सेक्रेटरी केके त्रिपाठी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट संजय गोयल, बैंक के इवेंट मैनेजमेंट के मनीष चतुर्वेदी और सीबीओए के अन्य पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इससे पहले एग्जीक्युटिव कमेटी की मीटिंग का शुभारंभ केनरा बैंक के महाप्रबंधक सुधांशु सुमन, उपमहाप्रबंधक आरके मीना एवं एच सुबोध ने किया। मीडिया से बातचीत में रवि कुमार ने कहा कि 1990 के दशक में जब कम्प्यूटराइजेशन हुआ था तो उस वक्त भी लोगों को लगता था कि इससे नौकरियां कम हो जाएंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसलिए एआई को लेकर अभी से कयास लगा पाना जल्दबाजी होगा। एआई के पॉजिटिव व नेगेटिव असर का हम एनालिसिस कर रहे हैं। हमारी बैंक प्रबंधन से मांग है कि वित्तीय समावेशन (एफआई) और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) को प्राथमिकता देते हुए ब्रांच नेटवर्क का विस्तार किया जाए। हम अपने निष्कर्षों और डिमांड्स को लेकर समय-समय पर बैंक प्रबंधन के साथ चर्चा करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि बैंकिंग इंडस्ट्री में हम शुरू से ही प्राइवेटाइजेशन और मर्जर एंड एक्वेजिशन (विलय व अधिग्रहण) का विरोध करते आ रहे हैं। अभी हाल के महीनों में बैंकों का एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) तेजी से घटा है। जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बात है। एक जिम्मेदार सार्वजनिक बैंक होने के नाते कस्टमर्स को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। बैंकिंग सेक्टर आज भी देश के सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में से एक है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) के तौर पर कस्टमर सर्विस ही हमारी प्राथमिकता है। 5 डे वीक की डिमांड का समर्थन करते हुए के रवि कुमार ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन अब बढ़कर 90 फीसदी के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गए हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। वहीं दूसरी ओर जनधन समेत केंद्र और राज्य सरकारों की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और उनके टारगेट पूरा करने के लिए हमारे साथी बैंक कर्मियों ने रात 10 बजे तक काम किया है। इसलिए हमारा मानना है कि 5 डे वीक लागू होने से बैंक कर्मियों की वर्क एफिशिएंसी भी बढ़ जाएगी। केनरा बैंक को देश का अग्रणी सार्वजनिक बैंक बनाना ही हमारा लक्ष्य है।