बिहार के चर्चित आईएएस संजीव हंस अब ईडी के राडार पर, वकील से गैंगरेप और जोड़ी अकूत संपत्ति

पटना. 40 लाख रुपये से अधिक कीमत की 15 से अधिक लग्जरी घड़ियां पटना स्थित एक सरकारी आवास में। एक किलो स्वर्णाभूषण भी उसी घर में। दूसरे शहरों में जमीन-जायदाद…

बिहार के चर्चित आईएएस संजीव हंस अब ईडी के राडार पर, वकील से गैंगरेप और जोड़ी अकूत संपत्ति

पटना.

40 लाख रुपये से अधिक कीमत की 15 से अधिक लग्जरी घड़ियां पटना स्थित एक सरकारी आवास में। एक किलो स्वर्णाभूषण भी उसी घर में। दूसरे शहरों में जमीन-जायदाद के कागजात। अमृतसर में भी भी एक घर। जो भी इस सरकारी आवास में मिला, प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जब्त कर लिया। यह सरकारी आवास भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव हंस का है।

इस सरकारी आवास में आईएएस ने खुद को बंद कर लिया था तो दरवाजा तोड़कर टीम अंदर घुसी। जांच हुई तो यह सब मिला। वैसे, यह तो बस शुरुआत है बिहार के चर्चित आईएएस संजीव हंस पर कार्रवाई की।

सीनियर आईएएस संजीव हंस अभी इस पद पर हैं
संजीव हंस आईएएस पूजा खेडकर की तरह अचानक सुर्खियों में नहीं आए हैं। आते रहते हैं। कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगा रखी है, वरना पटना पुलिस ने जांच में पुष्टि कर दी है कि एक महिला अधिवक्ता का इन्होंने बलात्कार किया है। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक और बहुजन समाज पार्टी से संसदीय चुनाव लड़ने वाले गुलाब यादव के साथ मिलकर गैंगरेप करने के केस में आरोपित आईएएस संजीव हंस उनके साथ कारोबार में भी साझीदार पाए गए हैं। दो दिनों तक बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस के ऊपर भी उनके साझीदार गुलाब यादव के साथ आर्थिक गड़बड़ी की जांच चली। आईएएस संजीव हंस बिहार सरकार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिजली कंपनी के सीएमडी भी हैं।

गैंगरेप के आरोप की हो गई है पुष्टि, औपचारिकता बाकी
आईएएस संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव कई तरह के काम में साथ-साथ रहे हैं, इसका प्रमाण ताजा जांच से हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम दोनों पर एक साथ धावा बोल रही है। लेकिन, बात सिर्फ आर्थिक गड़बड़ी की नहीं। आईएएस संजीव हंस और पूर्व एमएलए गुलाब यादव एक गैंगरेप में भी साझीदार बताए गए थे, जिसकी पटना एसएसपी ने जांच की थी। उस जांच की रिपोर्ट तैयार हो गई है और पीड़ित महिला के आरोपों को पुलिस जांच रिपोर्ट में सही स्वीकार कर लिया गया है। उस मामले की शुरुआत में सिर्फ गुलाब यादव का नाम था, लेकिन बाद में जुर्म के साझीदार के रूप में संजीव हंस का नाम जुड़ा। महिला ने बताया कि 2016 में जब बिहार के अंदर महागठबंधन सरकार थी, गुलाब यादव ने उन्हें राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाने का झांसा देकर पटना बुलाया और एक फ्लैट में लाकर बलात्कार किया। महिला के अनुसार- केस करने की धमकी दी तो गुलाब यादव ने मांग में सिंदूर भर दिया। फिर जब रिश्ता जायज नहीं हुआ तो महिला ने पटना के रूपसपुर थाने में मामला दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। इसपर, 2021 में गुलाब यादव ने उसे पुणे बुलाया।

महिला का आरोप है कि वहां आईएएस संजीव हंस ने भी नशा खिलाकर उसके साथ बलात्कार किया। यह मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के मद्देनजर कार्रवाई पर रोक लगा रखी है, लेकिन अब ईडी की जांच और पटना पुलिस की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की छूट कभी भी मिल सकती है।