हाथरस सत्‍संग के बाद घट गई भोले बाबा की लोकप्रियता!

मैनपुरी के बिछवां कस्बा स्थित साकार विश्व हरि के आश्रम में मंगलवार को सत्संग के विशेष दिन अनुयायियों की बेहद कम संख्या दिखाई दी। सभी को पुलिस ने बैरियर पर…

हाथरस सत्‍संग के बाद घट गई भोले बाबा की लोकप्रियता!

मैनपुरी के बिछवां कस्बा स्थित साकार विश्व हरि के आश्रम में मंगलवार को सत्संग के विशेष दिन अनुयायियों की बेहद कम संख्या दिखाई दी। सभी को पुलिस ने बैरियर पर ही रोकने के बाद वापस लौटा दिया। वहीं आश्रम में पुलिसकर्मियों की संख्या में भी कम नजर आई। बिछवां स्थित साकार हरि के रामकुटीर आश्रम पर प्रत्येक मंगलवार को सत्संग होता था। लेकिन हाथरस कांड के बाद से ही आश्रम में सुरक्षा बढ़ने के साथ ही सत्संग नहीं हो रहा है। इसके बाद भी पिछले मंगलवार को काफी संख्या में अनुयायी आश्रम पहुंच गए थे। सुबह से ही थानाध्यक्ष अवनीश त्यागी पुलिस बल के साथ आश्रम के बाहर सुरक्षा ड्यूटी में तैनात नजर आए। लेकिन इस मंगलवार को आश्रम में आने वाले अनुयायियों की संख्या बेहद कम रही। जो भी अनुयायी वहां आता। पुलिस उसे बैरियर से वापस लौटा देती। पहले जहां हजारों की संख्या में अनुयायी साकार हरि के आश्रम में पहुंचते थे। लेकिन इस बार अनुयायियों की संख्या शाम तक 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। अनुयायियों की कम संख्या को देख पुलिस ने राहत की सांस ली। कुछ अनुयायियों ने वापस जाने से पहले जहां जगह मिली वहीं पर दंडवत होकर साकार हरि के जयकारे लगाए। मंगलवार को आश्रम में सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मियों की संख्या भी कम नजर आई। बैरियर की सुरक्षा कमान क्यूआरटी की टीम ने संभाली। सिकंदराराऊ सत्संग हादसे में गिरफ्तार 11 आरोपियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, पुलिस कर्मियों को चोट पहुंचाने व समाज में भय व्याप्त करने की धाराओं की मुकदमे में बढ़ोतरी की है।  मंगलवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर सहित 11 आरोपियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जय हिंद कुमार सिंह के न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने इस मामले में 29 जुलाई की तिथि नियत की है। सिकंदराराऊ में सत्संग प्रकरण 121 मौतों के मामले में अब पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इस घटना में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।  पुलिस ने मुख्य आरोपी मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू यादव, मंजू देवी, राम लडे़ते, उपेंद्र सिंह यादव, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश और दलवीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनकी गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने अन्य आरोपियों की तलाश में दबिशें भी दीं, लेकिन अभी अन्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। विवेचना के दौरान संकलित साक्ष्य के आधार पर विवेचक सीओ राम प्रवेश राय ने आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 132, 121 (1) व 7 सीएलए की धाराओं की बढ़ोतरी के लिए 15 जुलाई को न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। न्यायालय ने 16 जुलाई को सभी अभियुक्तों को तलब किया। न्यायालय के आदेश के क्रम में पुलिस 16 जुलाई को सभी आरोपियों को लेकर न्यायालय में पेश हुई। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान न्यायालय में अभियोजन अधिकारी राजकुमार सिंह ने धाराओं की बढ़ोतरी के लिए तर्क प्रस्तुत किए। इस मामले में आरोपियों पर यह धाराएं बढ़ाई गई हैं।