न्यायधानी में झमाझम बारिश, 38.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज

बिलासपुर न्यायधानी में पिछले दो दिनों से मौसम ने नया रंग दिखाया है। शुक्रवार की शाम झमाझम वर्षा के बाद शनिवार की शाम भी बादल ने जमकर बरसने का सिलसिला…

न्यायधानी में झमाझम बारिश, 38.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज

बिलासपुर

न्यायधानी में पिछले दो दिनों से मौसम ने नया रंग दिखाया है। शुक्रवार की शाम झमाझम वर्षा के बाद शनिवार की शाम भी बादल ने जमकर बरसने का सिलसिला जारी रखा। दिनभर की गर्मी और उमस से परेशान शहरवासियों के लिए यह बारिश एक राहत भरी सौगात की तरह आई। शनिवार को शाम ढ़लते ही आसमान में घने काले बादल छा गए और कुछ ही पलों में वर्षा का सिलसिला प्रारंभ हो गया।

गर्मी और उमस से राहत
तापमान में खास गिरावट भले ही न आई हो, लेकिन बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत जरूर दिलाई। शहर के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने बरसात का खूब आनंद उठाया। बच्चे गलियों में कागज की नावें चलाते दिखे, वहीं युवा वर्ग बारिश में भीगते हुए मस्ती कर रहे थे। शहर के प्रमुख स्थानों पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बारिश के चलते चौक चौराहों के दुकानों में जमावड़ा देखने को मिला।

वहीं घरों में लोग चाय और पकौड़ों का आनंद लेते नजर आए। दूसरी ओर निचले इलाकों में पानी घुटनों तक भर गया। हंसा विहार, पुराना बस स्टैंड, मंगला, तिफरा, तोरवा एवं सरकंडा क्षेत्रों में जलभराव देखने को मिला। नालियां चोक हो गई। जिससे आमजन को असुविधा भी हुई। कई घरों में पानी घुस गया। यातायात भी प्रभावित हुआ। आमजन के चेहरे पर मुस्कानबारिश की बूंदों ने न सिर्फ शहर को तरोताजा किया, बल्कि लोगों के चेहरों पर मुस्कान भी बिखेर दी।

इस मौसम में बिलासपुर की हरियाली और भी निखर उठी। हालांकि, मौसम विभाग ने रविवार को भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे शहरवासियों को राहत की उम्मीद है। कुल मिलाकर, बिलासपुर की इस बारिश ने न सिर्फ तापमान में ठंडक लाई, बल्कि लोगों के दिलों को भी ठंडक पहुंचाई। यह बारिश शहर के जीवन में एक नई ऊर्जा और ताजगी का संचार करने में सफल रही।

मौसम विभाग
द्रोणिका अभी सक्रीय मौसम विभाग के मुताबिक मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, हिस्सार, दिल्ली, बाराबंकी, डेहरी, आसनसोल और उसके बाद दक्षिण पूर्व की ओर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण झारखंड और उसके आसपास 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी-तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर 5.8 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। जिस वजह से वर्षा संभावित है।