रायगढ़ बंगुरसिया रोड में दो ट्रेलर के बीच हुई भिंड़त एक घर में घुसी, बाल – बाल बचे परिजन
रायगढ़ रायगढ़ जिले के बंगुरसिया गांव में एक परिवार के बीच तड़के सुबह उस वक्त दहशत निर्मित हो गया जब वे नींद में गाफिल थे उसी दौरान जोरदार झटके के…
रायगढ़
रायगढ़ जिले के बंगुरसिया गांव में एक परिवार के बीच तड़के सुबह उस वक्त दहशत निर्मित हो गया जब वे नींद में गाफिल थे उसी दौरान जोरदार झटके के साथ मलबा गिरने से भयंकर भूकंप का एहसास होने पर भगदड़ मच गया। नींद में ही लोग इधर उधर जान बचाने के लिए दौड़ते भागते रहे। आलम यह रहा कि जब वे घर बाहर आए तो दो ट्रेलर वाहन उनके घर मे घुसी थी। इस नजारे से पूरा परिवार भयाक्रांत नजर आया। अच्छी बात यह रहा कि घर के परिवार लोग हादसे से पूरी तरह सुरक्षित हैं ।
अनियंत्रित ट्रेलर ने तोड़ा घर की दिवार
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बंगूरसिया में उस वक्त हड़कंप मच गया जब तड़के सुबह दो कोयला लोड ट्रेलर वाहन की आमने सामने जबरदस्त भिडंत हो गया। हादसे इतना भयानक था कि दोनो ट्रेलर आपस मे टकराने के बाद सड़क से उतर गई। वहीं पास में ही रोड किनारे एक घर मे घुस गई। इस दुर्घटना में अनियंत्रित ट्रेलर वाहन ने घर की दिवार को तोड़ते हुए कमरे में प्रवेश कर गई, और ट्रेलर के घर मे घुसने से जोरदार धमाके के साथ घर भी पूरा झटके के साथ हिलने लगा।
आप-पास के लोगों को आवाज ओर झटका मानो भूकंप की तरह लगा
घर के अंदर सो रहे लोगों में भूंकप की आहट सा लगा देखते ही देखते उनके उपर मलबा गिरने लगा। लोग कुछ समझ पाते तब तक चीख पुकार मच गई। परिवार के लोग भगदड़ की स्थिति में सो रहे दो बच्चे और बुर्जुगों को लेकर जान बचाने के लिए भागने लगे। वहीं किसी तरह एक-एक करके लोग घर से बाहर आंगन में आए।
इस दौरान घर के दीवार और उनके रोड तरफ नजर पड़ते ही उनके चेहरे की हवाईया उड़ गई। दो ट्रेलर टकराने के बाद घर मे घुस गई थी। लोगो मे इस नजारे को देखकर उनका गुस्सा सांतवे आसमान में आ गया। चालकों को दौड़ाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक वे भाग चुके थे। परिवार के दूसरे सदस्यों ने शोर मचाते हुए पड़ोसी लोगो को बुलाया गया। देखते देखते तड़के सुबह पूरा गांव पीड़ित उमाशंकर गुप्ता के निवास स्थान पर एकत्रित हो गए। लोगों का गुस्सा भुटा और चक्का जाम कर दिए। 4 घंटे से अधिक देर तक चले चक्काजाम में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का टीम द्वारा काफी समझाईश के साथ उचित मुआवजा देने पर सहमति बनी, तब तब कही जाकर आंदोलन समाप्त हो पाया।