मिर्जापुर 3 का क्रेज देखने को मिल रहा दर्शकों में

मुंबई । दर्शकों में पॉपुलर वेब सीरीज मिर्जापुर-3 का क्रेज देखने को मिल रहा है। इस वेबसीरीज का तीसरा सीजन रिलीज हो चुका है। इस सीरीज के पिछले दो सीजन…

मिर्जापुर 3 का क्रेज देखने को मिल रहा दर्शकों में

मुंबई । दर्शकों में पॉपुलर वेब सीरीज मिर्जापुर-3 का क्रेज देखने को मिल रहा है। इस वेबसीरीज का तीसरा सीजन रिलीज हो चुका है। इस सीरीज के पिछले दो सीजन को खूब पसंद किया गया था, जहां से दूसरा सीजन खत्म हुआ था। मिर्जापुर 3 की कहानी शुरू होती है यहां से। 
मुन्ना भैया (दिव्येंदु शर्मा) की मौत हो चुकी है और कालीन भैया कोमा में चले गए हैं। पूर्वांचल में त्रिपाठी परिवार का राज खत्म हो गया है। ऐसे में गुड्डू भैया (अली फजल) और गोलू (श्वेता त्रिपाठी शर्मा) ने खुद को मिर्जापुर का बाहुबली घोषित किया है। गोलू को पहले ज्यादा आक्रामक दिखाया गया है। वह पहले से ज्यादा भौकाल मचाती दिखाई दे रही हैं। वह गुड्डू पंडित की राइट हैंड बनकर मिर्जापुर की गद्दी पर दावा पेश करने वाले दावेदारों से भिड़ती हैं। मिर्जापुर 3 के 10 एपिसोड हैं। इसमें कालीन भैया, गुड्डू, गोलू और शरद जैसे किरदार आपको भरपूर एंटरटेन करेंगे।
 सत्ता संघर्ष के तेज होने के साथ-साथ कहानी में खून-खराबा भी बढ़ता जाएगा। मिर्जापुर की गद्दी पर जौनपुर के शरद शुक्ला (अंजुम शर्मा) समेत अन्य बाहुबली की नजर है। शरद मुन्ना भैया की पत्नी और माधुरी (ईशा तलवार) के साथ हाथ मिलाता है। माधुरी पति की मौत का बदला लेने के लिए अपने राजनीतिक हथकंडे अपनाती है। वह राज्य से बाहुबलियों का खात्मा करना चाहती है, इसके लिए वो बाहुबलियों को ही अपना हथियार बनाती है। मिर्जापुर 3 की कहानी दर्शकों को प्रभावित करेगी। शो में कई ट्विस्ट एंड टर्न हैं।इस बीच अखंडानंद त्रिपाठी यानी कालीन भैया को अपने बेटे मुन्ना (दिव्येंदु) की मौत का शोक मनाते दिखाया जाता है। 
पिछले सीजन में उन्हें गोली मार दी जाती है, लेकिन इस सीजन में वह मौत के मुंह से बाहर निकलकर सामने आते हैं। उनकी जान शरद शुक्ला ने बचायी है।सीरीज में सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदार को बेहतरीन ढंग से निभाया है। अली फजल, श्वेता त्रिपाठी, रसिका दुग्गल, अंजुम शर्मा, विजय वर्मा और शीबा चड्ढा ने दमदार परफॉर्मेंस दी हैं। निर्देशक गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर दोनों ने शानदार काम किया है। संजय कपूर की फोटोग्राफी ने दूरदराज के इलाकों को बेहतरीन तरीके से कैद किया है। लड़ाई, हमले और हत्याओं के सीन्स को देख आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। जॉन स्टीवर्ट एडुरी का म्यूजिक भी जबरदस्त है।