पुरानी बस्ती को देवभूमि के रूप में विकसित किया जाए : कन्हैया

रायपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल के नेतृत्व में कलेक्टर रायपुर, नगर निगम कमिश्नर और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक को ज्ञापन देकर रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र…

पुरानी बस्ती को देवभूमि के रूप में विकसित किया जाए : कन्हैया

रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल के नेतृत्व में कलेक्टर रायपुर, नगर निगम कमिश्नर और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक को ज्ञापन देकर रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पुरानी बस्ती को देवभूमि के रूप में विकसित करने की मांग की गई है। रायपुर की प्राचीन विरासत, मठ मंदिरों तालाबों का क्षेत्र पुराने रायपुर का वैभव पुरानी बस्ती ही है। प्राचीन काल से साधु संत पुरानी बस्ती क्षेत्र को छोटी अयोध्या के रूप में पुकारते रहे हैं।

अग्रवाल ने कहा कि पुरानी बस्ती क्षेत्र का योजनाबद्ध तरीके से विकास किए जाने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के विकास के लिए रायपुर नगर निगम, स्मार्ट सिटी लिमिटेड रायपुर, लोक निर्माण विभाग, धर्मस्व विभाग, पर्यटन विभाग और संस्कृति विभाग के साथ मिलकर संयुक्त प्लानिंग किए जाने की आवश्यकता है। पूरे क्षेत्र की प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करते हुए देवभूमि के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा सकता है ,क्षेत्र को देवभूमि के रूप में विकसित करने से धार्मिक आस्था के सम्मान के साथ ही पर्यटन क्षेत्र के रूप में भी विकसित होगा। पुरानी बस्ती क्षेत्र के चारों ओर पौराणिक और धार्मिक महत्व को प्रदर्शित करते भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाने से क्षेत्र में आने वाले लोगों को देवभूमि का एहसास होगा।

उन्होंने कहा कि पुरानी बस्ती क्षेत्र को पुराना रायपुर माना जाता था। इस क्षेत्र में प्राचीनतम दूधाधारी मठ, जैतू साव मठ, नागरीदास मठ , बुढ़ेश्वर मंदिर, महामाया मंदिर ,शीतला माता मंदिर, बिरंची नारायण मंदिर, दत्तात्रेय मंदिर, नरसिंह मंदिर, हनुमान मंदिर, महादेव मंदिर ,दंतेश्वरी माता मंदिर, बावली वाले हनुमान जी का मंदिर, कंकाली मठ मंदिर सहित बड़ी संख्या में प्राचीन तालाब और मंदिर हैं। इसीलिए पुरानी बस्ती क्षेत्र को प्राचीन समय से छोटी अयोध्या के रूप में साधु संतों के बीच में जाना जाता है उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी आंदोलन का केंद्र पुरानी बस्ती क्षेत्र में रहा है जहां जैतू साव मठ में महात्मा गांधी का भी आगमन हुआ था। ऐतिहासिक धार्मिक और पौराणिक महत्व के क्षेत्र को शीघ्रताशीघ्र देव भूमि के रूप में विकसित करने हेतु शासन प्रशासन के स्तर पर निर्णय लिया जाना चाहिए।