राम मंदिर का शिलान्यास तब हुआ जब राजीव गांधी PM थे, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले शरद पवार का बयान…
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या नगरी सज चुकी है। देशभर में उत्साह का माहौल है। हालांकि विपक्षी नेता राम मंदिर के भव्य उद्घाटन का…
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या नगरी सज चुकी है।
देशभर में उत्साह का माहौल है। हालांकि विपक्षी नेता राम मंदिर के भव्य उद्घाटन का कार्यक्रम पचा नहीं पा रहे हैं।
पहले कांग्रेस पार्टी ने इसे बीजेपी-आरएसएस का कार्यक्रम बताकर निमंत्रण को अस्वीकार किया, अब एनसीपी चीफ और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास तो राजीव गांधी ने बतौर पीएम पहले ही कर दिया था। इस समय तो बीजेपी और आरएसएस राजनीति कर रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए शिलान्यास तब किया गया था जब राजीव गांधी देश के प्रधान मंत्री थे और भाजपा और आरएसएस इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।
दिग्गज एनसीपी नेता ने यह बात कर्नाटक के निपानी में एक सार्वजनिक बैठक में कही।
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह किया जाएगा। इससे पहले ही देश में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी पहले ही समारोह को बीजेपी और आरएसएस का प्रोग्राम बताकर निमंत्रण अस्वीकार कर चुकी है।
हालांकि राहुल गांधी ने यह जरूर कहा कि पार्टी का कोई भी नेता कार्यक्रम में जाने के लिए स्वतंत्र है। अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को शरद पवार ने बयान दिया है।
उन्होंने कहा, “राजीव गांधी के कार्यकाल में शिलान्यास (पहला पत्थर रखना) किया गया था, लेकिन आज भाजपा और आरएसएस भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।”
पीएम मोदी के उपवास पर भी टिप्पणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिन के उपवास पर जाने पर पवार ने कहा, “मैं राम में उनकी आस्था का सम्मान करता हूं, लेकिन अगर उन्होंने गरीबी खत्म करने के लिए उपवास करने का फैसला किया होता, तो लोग इसकी सराहना करते।”