इंदौर के चिड़ियाघर में हुआ अफ्रीकन जेब्रा का जन्म: कुछ घंटों में पैरों पर खड़े होकर की चहलकदमी, 3 साल पहले आया था जोड़ा
मध्यप्रदेश में पहली बार किसी अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया है. कल रात लगभग 10:30 बजे इंदौर के चिड़िया घर में अफ्रीकन जोड़े ने बेबी जेब्रा को जन्म दिया है.…
मध्यप्रदेश में पहली बार किसी अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया है. कल रात लगभग 10:30 बजे इंदौर के चिड़िया घर में अफ्रीकन जोड़े ने बेबी जेब्रा को जन्म दिया है. जानकरी के मुताबिक बेबी जेब्रा पूरी तरह से स्वस्थ है. इतना ही नहीं बेबी जेब्रा जन्म लेने के कुछ घंटे बाद ही अपने पैरों पर खड़ा हो गया. बता दें करीब 5 महीने पहले जामनगर से इंदौर के चिड़िया घर में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अफ्रीकन जेनर का जोड़ा लाया गया था. जिसने आब बेबी जेब्रा को जन्म दिया है. पर्यटक जल्द ही इंदौर के चिड़िया घर में अफ्रीकन जेब्रा बेबी को देख सकेंगे. पूरे प्रदेश में इंदौर ही ऐसा चिड़िया घर है जहां जेब्रा हैं. जिनकी संख्या बढ़कर 3 हो गई है. चिड़ियाघर मैनेजमेंट का कहना है कि MP में पहली बार किसी अफ्रीकन जेब्रा ने जन्म लिया है. जानकारी के अनुसार करीब 3 साल की कोशिश और वाइट टाइगर के बदले गुजरात जामनगर से अफ्रीकन जेब्रा का जोड़ा मिला था. जिसके बाद कल यानी 23 जून रविवार रात को मादा जेब्रा ने बेबी जेब्रा को जन्म दिया. चिड़ियाघर के क्यूरेटर ने बताया कि रविवार रात करीब 10:30 बजे बेबी जेब्रा का जन्म हुआ है. बेबी जेब्रा ने रातभर माँ के पास रहने के बाद सोमवार सुबह धीरे-धीरे पैरों के बल खड़ा हो गया. आपको बता दें लगभग तीन साल पहले इंदौर चिड़ियाघर प्रशासन ने जेब्रा को इंदौर लाने की योजना बनाई थी. लेकिन उस समय अधिकारीयों ने अफ्रीकन जेब्रा के लिए मुंबई के चिड़िया घर में प्रस्ताव भेजा था. इसके अलावा चिड़िया घर के प्रशासन को सेंट्रल जू अथारिटी से एनिमल एक्सचेंज के तहत परमिशन भी मिल गई थी. लेकिन राज्य में चल रही अस्थिरता के कारण जेब्रा नहीं मिल पाया.
इन राज्यों ने नहीं दिया जेब्रा
इंदौर के चिड़ियाघर के प्रबंधन द्वारा इंदौर में जेब्रा लाने की कोशिश की थी. जो करीब तीन साल बाद सफल हो पाई थी. इन तीन सालों में प्रबंधन द्वारा अफ्रीकन जेब्रा के लिए मुंबई के वीरमाता जीजाबाई भोंसले चिड़िया घर को प्रस्ताव भेजा था. जिसके बाद सेंट्रल जू अथॉरिटी से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अनुमति मिलनी थी. जहाँ से इंदौर चिड़ियाघर के प्रशासन को हरी झंडी मिल गई थी. फिर दोनों चिड़ियाघर के बीच में एनिमल एक्सचेंज प्रोग्रामके तहत जेब्रा को इंदौर लाने की सहमति मिल गई थी. फाइनल होने के बाद कुछ दिक्कतों की वजह से मामला अटक गया था.