रायगढ़-छत्तीसगढ़ में नौतपे के 8वें दिन बदला मौसम, तेज हवाओं और जमकर बारिश के बीच शहर अंधेरे में डूबा
रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले (Raigarh district of Chhattisgarh) में नवतपा के पहले दिन से ही सूर्य की तपिश से लोगों का हाल बेहाल हो गया था। सुबह 8 बजते…
रायगढ़.
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले (Raigarh district of Chhattisgarh) में नवतपा के पहले दिन से ही सूर्य की तपिश से लोगों का हाल बेहाल हो गया था। सुबह 8 बजते ही गर्मी का असर देखा जा रहा था जिसका शाम 7 बजे तक असर हो रहा था। इसी बीच शनिवार की शाम साढ़े 7 बजे मौसम ने ऐसा रुख बदला की जहां बढ़ी हुई गर्मी से तो लोगों को राहत मिली लेकिन इस बीच चलने वाली तेज हवाओं और ज़ोरदार बारिश के चलते शहर के अधिकांश इलाकों में पेड़ गिरने की वजह से 6 घंटे से अधिक समय तक पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा।
नवतपा के पहले दिन 25 मई से रायगढ़ जिले में लगातार सूर्य की तपिश ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था, आलम यह था कि पंखा कूलर काम करना बंद कर चुके थे और बढ़ी हुई गर्मी से निजात पाने लोग तरह-तरह के उपाय करने से भी पीछे नहीं रहे , इसके बाद भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही थी। इसी बीच नवतपे के 8वें दिन शनिवार की शाम जहां लैलूंगा में बारिश के साथ ओले गिरे वहीं रायगढ़ शहर में भी शाम साढ़े 7 बजे के बाद मौसम ने ऐसा रुख बदला की तेज हवाओं, गरज, चमक के साथ जोरदार बारिश हुई। इस बारिश से तो लोगों ने राहत की सांस जरूर ली परंतु उन्हें ज़रा भी एहसास नहीं था कि उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है, और ऐसा हुआ।
विभाग के तैयारियों की पोल खुली
बारिश और तेज हवाओं के चलते शहर के कई इलाकों में पेड़ और डंगाल टूटने की घटना में 6 घंटे से अधिक समय तक पूरे शहर में बत्ती गुल होने से विद्युत विभाग की मानसून से पहले की जाने वाली सारी तैयारी खुलकर सामने आ गई। इस दौरान शहरवासी यह कहने से भी नहीं चुके कि विद्युत विभाग की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। शहर के कुछ लोगों ने बताया कि कई घंटे तक लाइट नहीं आने के बाद जब उनके द्वारा बिजली विभाग के अधिकारियों से लाइट कब तक आने के संबंध में पूछा गया तो इस दौरान अधिकारियों का कहना था कि बहुत जगह फाल्ट आया है, विद्युत व्यवस्था कब तक बहाल हो सकती है वे बता नहीं सकते।
आने वाले मानसून में कैसे होंगे हालात..?
शहर के लोगो ने बताया कि मानसून आने पहले ही कुछ घंटे चली हवा और बारिश से जब पूरे शहर में 6 घंटे से अधिक समय तक बत्ती गुल रहने से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले मानसून में लोगों को किस तरह परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।