उन्हें नफरत सिखाई जाती है, बच्चों को गाजा में ही बंद रहने दो; अमेरिकी सांसद का बेतुका बयान…
इजरायल और हमास के बीच चल रहे महायुद्ध में गाजावासियों की दुर्दशा को देखते हुए अमेरिकी सरकार फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अपने देश में पनाह देने की योजना बना रही है।…
इजरायल और हमास के बीच चल रहे महायुद्ध में गाजावासियों की दुर्दशा को देखते हुए अमेरिकी सरकार फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अपने देश में पनाह देने की योजना बना रही है।
जो बाइडेन सरकार की इस संभावित प्लानिंग पर अमेरिकी सांसद ने आपत्ति जताई है। रिपब्लिकन सीनेटर ने कहा कि यह कदम देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम में डालने जैसा कदम होगा।
उन्होंने कहा कि गाजा के जिन बच्चों को हम अपने यहां लाने की सोच रहे हैं, वहां उन्हें नफरत की शिक्षा दी जाती है। उन्हें गाजा में ही बंद कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर इतना ही जरूरी है तो यह कदम कोई अरब देश क्यों नहीं उठाता।
इजरायल और हमास आतंकियों के बीच चल रहे कत्लेआम में सबसे ज्यादा नुकसान गाजा शहर में हुआ है। यहां मरने वालों की तादाद कम से कम 34 हजार है।
अभी भी इजरायली सेना रुकी नहीं है, हमास के हर कण को मिटाने की कसम खा चुकी आईडीएफ ने गाजा और उससे सटे राफा शहर में अपना ऑपरेशन जारी रखने की बात कही है।
गाजा में जान गंवाने वाले अधिकतर महिलाएं और मासूम बच्चे हैं। अमेरिका और यूएन समेत कई आधी दुनिया चिंता जता चुका है।
तमाम आलोचनाओं को झेलने के बावजूद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू बेपरवाह हैं और अपना ऑपरेशन जारी रखने की बात दोहरा चुके हैं।
उधर, गाजा में कत्लेआम से चिंतित बाइडेन सरकार योजना बना रही है कि जिन अमेरिकियों के रिश्तेदार गाजा में रह रहे हैं, उन्हें शरणार्थी के तौर पर अमेरिका में पनाह दी जाएगी।
हालांकि बाइडेन सरकार के इस संभावित कदम की अमेरिकी सीनेटर रॉन जॉनसन ने कड़ी आलोचना की है।
जॉनसन उन 34 सीनेट रिपब्लिकन में से एक हैं, जिन्होंने अमेरिका में रहने वाले फिलिस्तीनियों को अपने परिवार के सदस्यों को शरणार्थी के रूप में लाने की अनुमति देने की बाइडेन प्रशासन की संभावित रणनीति के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने इस योजना को “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताया।
फॉक्स न्यूज से बातचीत जॉनसन ने कहा कि फिलिस्तीनी बच्चों को अमेरिका में शरण नहीं दी जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि उन्हें वहां “नफरत की शिक्षा दी जाती है” और उन्हें गाजा में ही “बंद” कर दिया जाना चाहिए।
अमेरिकी कॉलेज परिसरों में फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शनों का उदाहरण देते हुए जॉनसन ने कहा कि यह भी एक बड़ा कारण है कि अरब देशों ने दशकों से फिलिस्तीनी शरणार्थियों को स्वीकार नहीं किया है।
अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो आज हमें यह समस्या नहीं होती।”
सीनेटर ने उन्हें “खतरनाक लोग” कहा और कहा कि यही कारण है कि “वे उन्हें गाजा और वेस्ट बैंक में बंद रखने की कोशिश करते हैं वरना ये घटनाएं एक ही जगह सीमित न होकर पूरी दुनिया में फैल सकती है। फ़िलिस्तीनियों को वहीं “बंद” रखने की वकालत करते हुए जॉनसन ने कहा, “हमें इज़रायल को हमास को नष्ट करने देना होगा और फिर उन फ़िलिस्तीनियों के साथ शांति से रहने की कोशिश करनी होगी जो ऐसा करने के इच्छुक हैं।
वे न केवल यहूदियों से नफरत करते हैं, वे हमसे भी नफरत करते हैं’।