आतंकी पन्नू को कौन मारना चाहता है? नई रिपोर्ट पर अमेरिका बोला- भारत से उम्मीद…

अमेरिका का कहना है कि सिख अलगाववादी नेता और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों की जांच में भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा…

अमेरिका का कहना है कि सिख अलगाववादी नेता और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों की जांच में भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।

वाशिंगटन पोस्ट ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल अमेरिकी धरती पर पन्नू को मारने के लिए भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एक अधिकारी ने साजिश रची थी।

इस रिपोर्ट के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता वेदांत पटेल का यह बयान सामने आया है।

उन्होंने कहा, “भारतीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार से जवाबदेही तय करने की उम्मीद करते हैं। हम नियमित रूप से उनके साथ काम कर रहे हैं और अतिरिक्त अपडेट के लिए पूछताछ कर रहे हैं। हम अपनी चिंताओं को वरिष्ठ स्तर पर सीधे भारत सरकार के समक्ष उठाना जारी रखेंगे।”

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
वाशिंगटन पोस्ट ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए पिछले साल अमेरिकी धरती पर पन्नू को मारने की कथित साजिश के सिलसिले में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक अधिकारी विक्रम यादव का नाम लिया था।

रिपोर्ट में दावा किया गया कि यादव ने पन्नू को ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए एक हिट टीम का गठन किया था। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पन्नू की सारी जानकारी हत्या की सुपाड़ी लेने वालों को भेज दी थी। उनमें उसका न्यूयॉर्क का पता भी शामिल था।

वहीं, पिछले साल अमेरिकी अदालत ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की कथित साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम करने के लिए दोषी ठहराया था।

निखिल गुप्ता को 2023 में चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि पन्नू की हत्या के बदले 100,000 डॉलर देने की डील हुई थी। यह भी कहा गया कि 9 जून 2023 को 15,000 डॉलर का भुगतान भी किया गया था।

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया
भारत ने मंगलवार को पन्नू की कथित हत्या की साजिश पर वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे निराधार बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार द्वारा साझा की गई सुरक्षा चिंताओं पर भारत सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति की जांच चल रही है।”