यूक्रेन पर परमाणु हमले की तैयारी में था रूस, पीएम मोदी की दखल पर पुतिन ने बदला फैसला; रिपोर्ट में दावा…
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन पर रूस परमाणु हमला कर सकता था, जिसे रोकने में प्रधानमंत्री…
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन पर रूस परमाणु हमला कर सकता था, जिसे रोकने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी भूमिका निभाई।
इस रिपोर्ट में 2 सीनियर अधिकारियों के बयान का हवाला दिया गया है। यूक्रेन पर रूस की ओर से संभावित परमाणु हमले को लेकर अमेरिका तैयारियों में जुटा हुआ था।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी की व्लादिमीर पुतिन तक पहुंच और दूसरे देशों के हस्तक्षेप ने इस परमाणु आपदा को रोकने में अहम योगदान दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि जो बाइडेन प्रशासन को चिंता थी कि यूक्रेन को झटका देने के लिए रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इसे लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क साधा गया। साथ ही इस मामले पर सार्वजनिक बयानों से भी संकट को टालने में मदद मिली।
ऑफिसर्स ने को बताया, ‘हमने इस संकट को टालने के लिए कई सारे कदम उठाए। इसे लेकर उन्हें सीधा मैसेज दिया गया। साथ ही प्रेस और दूसरे देशों से भी अपील की गई।
खासतौर से उन देशों पर अधिक जोर दिया जिनकी बात को गंभीरता से लेते।’
यह युद्ध का समय नहीं, पीएम मोदी का मशहूर संदेश
बता दें कि भारत ने सीधे तौर पर यूक्रेन से युद्ध को लेकर रूस की कभी आलोचना नहीं की। मगर, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।
पीएम मोदी का यह भाषण काफी पॉपुलर हुआ था। यहां तक कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे संयुक्त राष्ट्र के मंच से दोहराया था और इसे लेकर मोदी की तारीफ की थी।
इसके अलावा, जी-20 का घोषणापत्र जब जारी हुआ, उसमें भी मोदी की इस खास पंक्ति को जगह मिली। इस तरह उन्होंने दुनिया को दिखाया कि क्यों उनकी ग्लोबल कूटनीति चौंकाती है।
खेरसॉन पर यूक्रेन की बढ़त से चिंता में था रूस
रिपोर्ट के अनुसार, यह 2022 का बात है जब अमेरिकी अधिकारी काफी परेशान थे। उन्हें डर था कि यूक्रेन में बढ़ती चुनौतियों के सामने रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
ये चर्चाएं उस वक्त गरम थीं जब यूक्रेनी सेना दक्षिण में रूस के कब्जे वाले खेरसॉन पर आगे बढ़ रही थीं।
इसे लेकर रूस को चिंता हुई कि अगर यूक्रेन के सैनिक आगे बढ़ते गए तो खेरसॉन उनके हाथ से निकल सकता है और उसकी सेना का घेराव हो सकता है। ऐसी स्थिति में अमेरिकी अधिकारियों का मानना था कि इतने भारी नुकसान से क्रेमलिन की बौखलाहट बढ़ेगी और वो गैर-पारंपरिक/परमाणु साधनों का उपयोग करने के लिए प्रेरित हो सकता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध जारी, कई सारे ड्रोन नष्ट करने का दावा
रूस और यूक्रेन के बीच जंग अभी तक खत्म नहीं हुई है। यूक्रेन पर रूस के हवाई हमले में शनिवार को एक किशोर समेत 2 लोगों की मौत हो गई।
वहीं, रूस ने यूक्रेनी युद्धक विमान और विभिन्न प्रांतों में कई ड्रोन को नष्ट करने का दावा किया। यह हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब रूस युद्ध में बढ़त हासिल कर रहा है जबकि यूक्रेन को सैन्य साजो-सामान की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके बलों ने यूक्रेन की सीमा से लगे रोस्तोव क्षेत्र में 41 ड्रोन को नष्ट कर दिया।
इसने कहा कि अन्य दो प्रांतों में भी 5 ड्रोन को नष्ट किया गया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वायु सेना ने पोक्रोव्स्क के ऊपर एक यूक्रेनी मिग-29 लड़ाकू विमान को नष्ट कर दिया है।