नए साल में करें कटंगी की अम्बामाई मंदिर के दर्शन, यहां का झरना है आकर्षण का केंद्र
अगर आप नए साल की शुरुआत किसी शांत और आध्यात्मिक स्थल से करना चाहते हैं, तो बालाघाट जिले के कटंगी स्थित अम्बामाई मंदिर आपके लिए आदर्श स्थान हो सकता है.…
अगर आप नए साल की शुरुआत किसी शांत और आध्यात्मिक स्थल से करना चाहते हैं, तो बालाघाट जिले के कटंगी स्थित अम्बामाई मंदिर आपके लिए आदर्श स्थान हो सकता है. यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और झरने की मनमोहक धारा इसे खास बनाती है.
प्रकृति की गोद में स्थित है यह मंदिर
अम्बामाई मंदिर बालाघाट जिले के कटंगी से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों और ऊंची पहाड़ियों के बीच स्थित है. यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और श्रद्धालुओं के लिए समान रूप से आकर्षण का केंद्र है. चारों ओर हरियाली और मंदिर की शांतिपूर्ण वातावरण यहां आने वाले हर व्यक्ति को आत्मिक शांति प्रदान करता है.
1933 में हुई थी स्थापना
अम्बामाई मंदिर की स्थापना के पीछे एक रोचक कहानी है. 1933 में मंगरू शेंदरे नाम के व्यक्ति लकड़ी लेने नहलेसरा के जंगल में गए थे. वहां आराम करते हुए उन्हें एक गुफा में झरने का फूटना और कुछ अद्भुत घटनाएं देखने का सपना आया. जागने पर उन्होंने यह बात कटंगी नगरवासियों को बताई. इसके बाद, महाराष्ट्र के पंढरपुर से अम्बामाई की मूर्ति लाकर मंदिर की स्थापना की गई.
अनोखा झरना जो सालभर बहता है
मंदिर के नीचे स्थित झरना यहां का प्रमुख आकर्षण है. स्थानीय पुजारी के अनुसार, यह झरना पूरे साल बहता है, जबकि आसपास के अन्य झरने सूख जाते हैं. इस झरने के पानी को पवित्र माना जाता है और कहा जाता है कि इसे पीने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
छठी माई का मंदिर और विशेष मान्यताएं
अम्बामाई मंदिर परिसर में ही छठी माई का मंदिर भी स्थित है. श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए नारियल को कपड़े में बांधकर रखते हैं. जब उनकी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं, तो नारियल को जल में विसर्जित कर धन्यवाद दिया जाता है.
नहलेसरा बांध
अम्बामाई मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर नहलेसरा बांध स्थित है. यह स्थान सैलानियों के बीच पिकनिक और प्राकृतिक दृश्यावली के लिए लोकप्रिय है. बांध के पास का शांत माहौल और हरियाली इसे एक परफेक्ट वीकेंड गेटवे बनाते हैं.
सालभर रहती है श्रद्धालुओं की भीड़
अम्बामाई मंदिर में श्रद्धालु पूरे साल आते हैं. खासतौर पर नए साल, मकर संक्रांति और नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इन दिनों मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव का आयोजन होता है, जो भक्तों के अनुभव को और भी खास बना देता है.
क्यों जाएं अम्बामाई मंदिर?
आध्यात्मिक अनुभव: शांत और धार्मिक माहौल.
प्राकृतिक सुंदरता: घने जंगल, पहाड़ियां, और झरने.
आकर्षक स्थलों की विविधता: छठी माई मंदिर और नहलेसरा बांध.
पवित्र झरने का पानी: जिसे मनोकामना पूर्ति के लिए पिया जाता है.
कैसे पहुंचे?
कटंगी से अम्बामाई मंदिर केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर है और यह आसानी से सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है.