खंभे में आए दिन बिजली की तकनीकी खराबी, पेड़ बन गए बिजली के खंभे

बिलासपुर शहर में बिजली मरम्मत पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। बिजली वितरण कंपनी न तो लटकते तार को ठीक कर रही है और न ही तार के संपर्क में…

खंभे में आए दिन बिजली की तकनीकी खराबी, पेड़ बन गए बिजली के खंभे

बिलासपुर

शहर में बिजली मरम्मत पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। बिजली वितरण कंपनी न तो लटकते तार को ठीक कर रही है और न ही तार के संपर्क में आने वाले वृक्षों की छंटाई कर रही है। अधिकांश बिजली के खंभे को पत्तियां और बेल इस तरह जकड़ चुके हैं कि वह खंभे कम वृक्ष ज्यादा नजर आते हैं। इसके चलते ही खंभे में आए दिन बिजली की तकनीकी खराबी आती है और लोगों को घंटो परेशान होना पड़ता है।

शहर में बिजली सप्लाई व्यवस्था कितनी बदत्तर है, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। ऐसा कोई दिन नहीं जब सप्लाई बंद की समस्या से उपभोक्ता न जूझते हों। पहले ठंड के सीजन में कम से कम राहत रहती थी। लेकिन, इस बार इस सीजन में भी समस्याओं ये दो-चार होना पड़ रहा है।

हालत यह है कि आम उपभोक्ता के सामने बिजली समस्या की बात भी निकल जाए तो वे आग बबूला हो जाते हैं। वे कंपनी को खूब कोसते भी नजर आते हैं। उनकी नाराजगी जायज भी है। हर माह पूरा बिजली बिल भुगतान करने के बाद यदि बेहतर सुविधा नहीं मिलेगी तो इस तरह की नाराजगी होना जाहिर है।

बिजली की समस्या से जूझ रहे लोग
शहरवासी सालभर से बिजली बंद की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके पीछे की प्रमुख वजह कंपनी के अधिकारी हैं, जो कभी स्टाफ की कमी तो कभी संसाधन का अभाव बताते हैं। ऐसे कई बहाने कंपनी के पास हैं, जिसका हवाला उपभोक्ताओं को दिया जाता है।

जबकि हकीकत यह है कि कंपनी मेंटेनेंस ही नहीं करती। इसका जीता- जागता उदाहरण बिजली खंभे की अव्यवस्था है। शहर के किसी भी हिस्से में चले जाइए, वहां के खंभों की हालत यह है कि वह लोहे के खंभे कम और वृक्ष अधिक नजर आते हैं।

कंपनी को इतनी फुर्सत नहीं है कि इन वृक्षों को जकड़े बेल या पत्तियों की सफाई कराए। बेल, पत्तियां तार व अन्य उपकरणों को इस कदर जकड़ चुके हैं कि इसकी वजह से आए दिन चिंगारी उठती है तो फिर कई बार जंपर कटने के अलावा तार टूटने के कारण क्षेत्र में बिजली बंद हो जाती है। आग लगने की घटनाएं तो आम बात हो गई है।

दौरा न निरीक्षण, चेंबर में बैठकर नौकरी कर रहे उच्चाधिकारी
जिन क्षेत्रों में अव्यवस्था है, वहां के उपभोक्ता हमेशा इसकी शिकायत भी करते हैं। लेकिन, मैदानी अमला मेंटेनेंस के नाम पर केवल औपचारिकता पूरी करता है। उच्चाधिकारी को तो निरीक्षण करने के तक फुर्सत नहीं है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण ही मैदानी अमला भी उपभोक्ताओं की इस जटिल समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं।

गेट, तो कहीं बिजली तार की तरह आ रहे नजर
मिशन अस्पताल रोड में सड़क के ऊपर से गुजरे तार को बेल ने जकड़ लिया है। पत्तियां पूरी तरह सूख चुकी हैं। दूर से यह गेट की तरह नजर आते हैं। सरकंडा उद्यानिक विभाग के सामने तो तार को देखकर हैरान हो जाएंगे। मेन लाइन के तीनों तार पर बेल फैल गई है। यह तार कम और बेल अधिक नजर आते हैं। यह अव्यवस्था हर जगह है। इससे साफ जाहिर है कि बिजली कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर केवल औपचारिकता ही पूरी करती है।