एक एकड़ की फसल, दस मिनट ड्रोन का काम और ड्रोन दीदी ने कमा लिये 300 रुपए
रायपुर. जो हाथ कुशलता से चूल्हा-चौका का काम करते हैं वे तकनीक के क्षेत्र में भी उतनी ही कुशलता का परिचय दे सकते हैं। देश भर की ड्रोन दीदियों ने…
रायपुर.
जो हाथ कुशलता से चूल्हा-चौका का काम करते हैं वे तकनीक के क्षेत्र में भी उतनी ही कुशलता का परिचय दे सकते हैं। देश भर की ड्रोन दीदियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सोच को साकार कर दिया है। रायपुर जिले की ग्राम नगपुरा की ड्रोन दीदी चंद्रकली की सफलता की उड़ान ड्रोन की तरह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम के चलते वे भी ड्रोन दीदी बनीं। ड्रोन चलाना सीखा और बहुत थोड़े समय में इसमें कुशल हो गईं। चंद्रकली बताती हैं कि हुनरमंद होने से उनके काम का मूल्य भी कई गुना बढ़ गया। वे केवल 10 मिनटों में एक एकड़ खेत में कीटनाशक का छिड़काव कर देती हैं और इससे 300 रुपए कमा लेती हैं।
गांव में खेतों में छिड़काव के बाद उनके ड्रोन चालन की कुशलता की जानकारी पड़ोसी गांवों में भी फैल गई। खूब काम मिला और पूरी लगन के साथ चंद्रकली ने लगभग 700 एकड़ खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कर दिया। सबसे बड़ी खूबी यह है कि तकनीक ने उन्हें समय की बाधा से पूरी तरह से मुक्त कर दिया। वे बच्चों को तैयार करती हैं। घर में चूल्हा-चौका कर लेती हैं फिर खेतों के लिए निकल पड़ती हैं। उनके हाथ में ड्रोन का रिमोट होता है। जैसे ही चंद्रकली ने ड्रोन कंट्रोल रिमोट आॅन करती हैं, धीरे-धीरे ड्रोन गति लेते हुए आसमान की ओर उड़ता है और खेत का चक्कर काटने लगता है। अब चंद्रकली अब अपने गांव सहित आसपास के क्षेत्र में ड्रोन दीदी के नाम से जानी जाती है।
रायपुर जिले की आरंग विकासखंड की निवासी श्रीमती वर्मा कुछ महीनों पहले महिला समूह से जुडकर बहुत ही कम आमदनी प्राप्त कर रही थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2023 को नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरूआत की थी। जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त रूप के साथ साथ आत्मनिर्भर बनाते हुए आधुनिकता से जोडना है। इसी योजना के तहत छत्तीसगढ़ की महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्यों को चयन किया गया जिसमें रायपुर जिले की चन्द्रकली वर्मा भी शामिल थी।
चन्द्रकली बताती हैं कि उनके समूह में अच्छे कार्य को देखते हुए इस योजना के लिए चयनित किया गया और आॅनलाइन इन्टरव्यू हुआ। जिसके लिए उन्हें ग्वालियर में 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई और दिसंबर 2023 में इन्हें ड्रोन नि:शुल्क दिया गया, साथ ही परिवहन के लिए ड्रोन वाहन दिया गया। वे बताती हैं कि मुझे अन्य दीदियों के साथ उत्तर प्रदेश के फूलपुर में आमंत्रित किया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें नमो ड्रोन दीदी की उपाधि दी।
इसके बाद चन्द्रकला के आने बाद किसानों को इसकी बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जो वे मैनुवल तरीके से कीटनाशक का छिड़काव करते हैं वह अब ड्रोन से मिनटों में ही हो जाता है। धीरे-धीरे उन्हें काम मिलने लगा। चंद्रकला को दो लाख रुपए से अधिक की आय कर चुकी है जिससे वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहीं है उनकी बेटी आईटी में इंजीनियरिंग कर रही हैं। तकनीक का महत्व जब चंद्रकला ने समझा तो अपनी बिटिया को भी तकनीक की ओर मोड़ दिया, यह चमत्कार नमो ड्रोन दीदी योजना का है।
चन्द्रकला कहती हैं कि मुझे गर्व है कि मै ड्रोन दीदी हूं। मै आज नई तकनीक का उपयोग कर रही हूं। अपने गांव के खेती किसानी में मदद कर रही हूं। जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और लागत भी कम आएगी। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देती हूं और अन्य महिलाओं से आग्रह करती हूं कि इस तकनीक से जुड़ें और छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाएं।