बेहद चमत्कारी हैं सूर्य देव के ये मंत्र! सूर्योदय के बाद करें इन 12 मंत्रों के जाप, तुरंत दिखेगा असर

हर इंसान की कुंडली में कुल 12 ग्रह होते हैं जो समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन करते रहते हैं. ऐसे में ग्रहों की चाल का व्यक्ति…

बेहद चमत्कारी हैं सूर्य देव के ये मंत्र! सूर्योदय के बाद करें इन 12 मंत्रों के जाप, तुरंत दिखेगा असर

हर इंसान की कुंडली में कुल 12 ग्रह होते हैं जो समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन करते रहते हैं. ऐसे में ग्रहों की चाल का व्यक्ति के साथ-साथ देश दुनिया पर भी प्रभाव पड़ता है. सभी ग्रहों के स्वामी सूर्य ग्रह है. जब सूर्य ग्रहण किसी राशि में गोचर करते हैं तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर होता है. कुछ जातकों पर जहां इसका सकारात्मक प्रभाव होता है तो वहीं कुछ जातकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

16 नवंबर को सूर्य का राशि परिवर्तन हो चुका हैं. सूर्य ग्रह आज सुबह 7:16 पर मंगल की वृश्चिक राशि में प्रवेश कर चुके हैं. सूर्य के इस गोचर से कुछ राशियों पर अच्छा प्रभाव होगा तो कुछ राशियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने से जीवन में दुख, समस्याएं, परेशानी, आकस्मिक धन खर्च आदि होने से मानसिक तौर पर विचलित हो सकते हैं. सूर्य ग्रह जिनकी राशि में मजबूत नहीं है या फिर सूर्य ग्रह किसी भी राशि पर अपना नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं. ऐसे में कुछ खास उपाय करने से सूर्य देव लोगों को फायदा पहुंचाते हैं.

12 मंत्रों का जाप
कि सूर्य देव सभी ग्रहों के स्वामी हैं. सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए उनके 12 मंत्रों का जाप विधि विधान से करने पर सूर्य ग्रह शुभ फल प्रदान करते है. सूर्य ग्रहण कुंडली के किसी ऐसे भाव में विराजमान है जहां से कुछ राशियों पर सूर्य का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में सूर्य देव के 12 मंत्रो का जाप ब्रह्म मुहूर्त के बाद स्नानादि करके उषा काल के दौरान जाप करने पर सूर्य का नकारात्मक प्रभाव पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है. वही किसी अन्य ग्रह का यदि आपकी राशि पर दुष्प्रभाव हो रहा है तो वह भी ना के बराबर रह जाता है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव के यह 12 मंत्र बेहद ही शक्तिशाली और जीवन में शुभ बदलाव करने के लिए बहुत अधिक प्रभावशाली मंत्र हैं.

सूर्य ग्रह के 12 चमत्कारी मंत्र
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ रवेय नमः।
ॐ पूषणे नमः।
ॐ दिनेशाय नमः।
ॐ सावित्रे नमः।
ॐ प्रभाकराय नमः।
ॐ मित्राय नमः।
ॐ उषाकराय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ दिनमणाय नमः।
ॐ मार्तंडाय नमः।