छत्तीसगढ़-गरियाबंद का कांदाडोंगर बनेगा पर्यटन स्थल, तहसीलदार ने देखे प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल
गरियाबंद। जिले के कांदाडोंगर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयासों को गति मिल रही है। गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर अमलीपदर तहसीलदार योगेंद्र देवांगन…
गरियाबंद।
जिले के कांदाडोंगर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयासों को गति मिल रही है। गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर अमलीपदर तहसीलदार योगेंद्र देवांगन ने हाल ही में कांदाडोंगर के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान वे हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन और स्थानीय ग्रामीणों के साथ कांदाडोंगर के मुख्य शिखर पर स्थित मां कुलेश्वरी धाम, भगवान राम के भ्राता लक्ष्मण जी द्वारा धनुष बाण से खोदा गया प्राचीन कुंड, राम पगार, थीपा खोल स्थित गुप्त गंगा और पर्वत की ऊंचाइयों पर स्थित समतल भूमि का अवलोकन करने पहुंचे।
बता दें कि इससे पहले, कलेक्टर दीपक अग्रवाल और जिले के कई अन्य आलाधिकारियों ने कांदाडोंगर के अन्य प्रमुख स्थलों का दौरा किया था, जिसमें महर्षि सर्वांग ऋषि तपोस्थली गुफा, पर्वत के नीचे स्थित मां कुलेश्वरी मंदिर, कचनाधुर्वा मंदिर, कांदेश्वर महादेव द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर और गांधी माता मंदिर शामिल हैं। इन धार्मिक स्थलों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही गई थी। अधिकारियों का मानना है कि ये स्थल धार्मिक आस्था के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं, और इन्हें पर्यटन के लिहाज से उपयुक्त माना गया है। कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि वे पहाड़ी के शिखर पर स्थित अन्य धार्मिक और प्राचीन स्थलों की जानकारी भी एकत्रित करें, ताकि इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके। तहसीलदार योगेंद्र देवांगन ने बताया कि कांदाडोंगर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में मौजूद गुफाओं और औषधीय गुणों से भरपूर रंगीन चट्टानों का भी निरीक्षण किया गया है। यह स्थल पर्यटन के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है, जिसके चलते यहां विकास कार्यों की संभावना को तलाशा जा रहा है। गौरतलब है कि इस इलाके को संवारने के लिए हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन जमीनी स्तर पर लगातार काम कर रहा है। स्वच्छता व्यवस्था हेतु डस्टबिन की व्यवस्था और कांदाडोंगर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए बैरिकेड की व्यवस्था की गई है। कांदेश्वर धाम में तालाब के किनारे सभी खाबों में लाइट की व्यवस्था भी की गई और लगातार कांदाडोंगर को सुंदर और दर्शनीय बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस क्षेत्र के विकास के लिए और किन पहलुओं पर ध्यान देता है और कांदाडोंगर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में और क्या कदम उठाए जाते हैं।
हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्य आशुतोष सिंह राजपूत ने बताया कि वह कांदाडोंगर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के फैसले से बेहद खुश हैं, क्योंकि अगर यह क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र पर आता है, तो इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। कांदाडोंगर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की खोज से न सिर्फ आस्था का संचार होगा, बल्कि यहां के अनछुए प्राकृतिक सौंदर्य को भी दुनिया के सामने लाया जा सकेगा।
कांदाडोंगर क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान तहसीलदार योगेंद्र देवांगन, जनपद सभापति भूमि लता यादव, ग्राम सरपंच पुजारी टीकम, कंचना धुर्वा, पुजारी मुकेश दाऊजी, हरिहर वेलफेयर फाउंडेशन के आशुतोष सिंह राजपूत (चिराग ठाकुर), पुष्पराज यादव, प्रभुलाल ध्रुव, मधु सूर्यवंशी, अलेश यादव, राजेश यादव, बोनी अवस्थी, तरुण ताड़ी, पुरुषोत्तम कवर, चिंटू यादव, चंदो, कृष्ण साथ मौजूद रहे।