जनवरी में ठंड ने सताया, फरवरी में गर्मी तोड़ने जा रही रिकॉर्ड; मौसम वैज्ञानिकों का अलर्ट…
ठंड के भीषण प्रकोप के बाद अब गर्मी कहर बरपाने वाली है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि फरवरी 2024 गर्मी के रिकॉर्ड को तोड़ने की राह पर है। ग्लोबल…
ठंड के भीषण प्रकोप के बाद अब गर्मी कहर बरपाने वाली है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि फरवरी 2024 गर्मी के रिकॉर्ड को तोड़ने की राह पर है।
ग्लोबल वार्मिंग और अल नीनो जलवायु पैटर्न के चलते इस तरह की स्थिति पैदा हो रही है। तापमान में बढ़ोतरी पहले से ही अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच चुकी है।
खास तौर से समुद्र की सतह का तापमान काफी बढ़ा है। इस हालात ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। यूके नेशनल ओशनोग्राफी सेंटर के डॉ. जोएल हिर्शी ने बताया, ‘ग्रह तेजी से गर्म हो रहा है और समुद्र का तापमान बढ़ता जा रहा है, जो कि जलवायु में गर्मी का सबसे बड़ा भंडार है।’
बर्कले के पृथ्वी वैज्ञानिक जेके हॉसफादर ने कहा, ‘इस साल फरवरी में रिकॉर्ड लेवल की गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे संकेत हैं कि प्री-इंडस्ट्रियल लेवर से ऊपर करीब 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ सकता है। अल नीनो के प्रभाव का यह शिखर बिंदु भी हो सकता है।’
उन्होंने कहा कि जलवायु अब काफी अनियमित हो गई है और पूर्वानुमान लगाना कठिन होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल अत्यधिक तापमान बने रहने की संभावना है। हालांकि, मौसम मॉडल आने वाले हफ्ते में वैश्विक तापमान में कुछ गिरावट का संकेत भी देता है।
कहां-कहां फरवरी में महसूस हुई अधिक गर्मी?
दुनिया भर में मौसम केंद्रों की ओर से आधी फरवरी तक तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खास तौर से मोरक्को और चीन जैसे देशों में औसत से काफी ऊपर तापमान का अनुभव किया गया।
दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब और जापान सहित कई देशों ने इस महीने गर्मी बढ़ने की बात कही। हालांकि, आने वाले दिनों में अल नीनो वेदर पैटर्न कमजोर होने से भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तापमान कम होने की उम्मीद है।
वसंत ऋतु के आखिरी दिनों या गर्मी के आखिर में ऐसा हो सकता है। डॉ. जोएल हिर्शी ने कहा, ‘वार्मिंग के असर को धीमा करना, रोकना या उलटना सुपरटैंकर में बदलाव के समान है। इसके नतीजे तत्काल नहीं होते हैं। मगर, जितनी जल्दी हम कार्रवाई करेंगे, मुसीबत से बचना उतना ही आसान होगा।’