बांग्लादेश में राष्ट्रपति को हटाने की तैयारी में यूनुस सरकार

ढाका । शेख हसीना का पक्ष लेकर बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन चौतरफा घिर गए हैं। छात्रों के प्रदर्शन के बाद अब मोहम्मद यूनुस सरकार उन्हें पद से हटाने की…

बांग्लादेश में राष्ट्रपति को हटाने की तैयारी में यूनुस सरकार

ढाका । शेख हसीना का पक्ष लेकर बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन चौतरफा घिर गए हैं। छात्रों के प्रदर्शन के बाद अब मोहम्मद यूनुस सरकार उन्हें पद से हटाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार सभी पक्षों से परामर्श कर रही है। मीडिया की खबरों के अनुसार, अंतरिम कैबिनेट इस सप्ताह इस मुद्दे पर चर्चा कर सकती है। बुधवार को जमुना स्थित राजकीय अतिथिगृह में मुख्य सलाहकार यूनुस और खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठक के बाद शफीकुल ने संवाददाताओं से कहा, हम आपको इस मामले से संबंधित किसी भी घटनाक्रम की जानकारी देंगे। कल देर रात राष्ट्रपति भवन में घुसपैठ की कोशिश और पुलिस के साथ हिंसक झड़पों के बाद, अधिकारियों ने आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है। शफीकुल ने कहा, हमने बंगभवन की सुरक्षा बढ़ा दी है। पत्रकारों के साथ एक अलग बातचीत में सूचना सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के बारे में कोई भी निर्णय कानूनी या संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करने के बजाय राजनीतिक सहमति और राष्ट्रीय एकता के माध्यम से लिया जा सकता है।

 
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास पर धावा बोलने की कोशिश की 

शेख हसीना के इस्तीफे पर सवाल उठाने वाली टिप्पणी को लेकर राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को पद से हटाने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अधिकारियों ने राष्ट्रपति के आवास के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास बंगभवन पर धावा बोलने की कोशिश की और शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की। शहाबुद्दीन ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि शेख हसीना ने अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच देश से चले जाने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सूत्रों की माने तो अंतरिम सरकार सभी हितधारकों से परामर्श कर रही है और इस संबंध में चर्चा के बाद कोई निर्णय लिया जा सकता है।  राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे या नहीं, यह वर्तमान में कोई कानूनी या संवैधानिक प्रश्न नहीं है। यह एक राजनीतिक निर्णय है। निर्णय लेने के लिए हम राज्य में स्थिरता, सुरक्षा और अनुशासन को प्राथमिकता दे रहे हैं।