पाक का लाहौर बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
लाहौर । पाकिस्तान का शहर लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना है। यहां चारों-चारों तरफ धुंध ही धुंध नजर आ रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 पर पहुंच…
लाहौर । पाकिस्तान का शहर लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना है। यहां चारों-चारों तरफ धुंध ही धुंध नजर आ रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने प्रदूषण के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि भारत के पंजाब में पराली जलाने से हवा की दिशा के कारण सीमा पार प्रभाव पड़ता है। पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने मंगलवार को कहा कि लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया। हमने इस मामले को सुलझाने के लिए कई पहल की हैं और अब हम शहर में कृत्रिम बारिश की योजना बना रहे हैं। मरियम नवाज की पंजाब सरकार ने एंटी-स्मॉग स्क्वॉड भी बनाया है जो इससे धुंध प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा। ये दल किसानों को फसल अवशेष जलाने के खतरों के बारे में शिक्षित करेंगे। सुपर सीडर के उपयोग को बढ़ावा देंगे और अवशेष निपटान के लिए वैकल्पिक तरीकों की जानकारी देंगे। पंजाब की पर्यावरण मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि धूम कोहरे से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के सकारात्मक प्रभाव आठ से 10 वर्षों में दिखाई देने लगेंगे। प्रांत में पर्यावरण संरक्षण को पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने किसानों से फसल अवशेष जलाने से बचने का आग्रह किया तथा कहा कि ऐसा करने से न केवल फसलों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि उनके बच्चों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचता है।
मरियम नवाज ने लाहौर में प्रदूषण के लिए भारत को बताया था जिम्मेदार
वहीं, मरियम नवाज ने इस महीने की शुरुआत में पंजाब में धुंध के प्रभाव को कम करने के लिए भारत के साथ जलवायु कूटनीति का आह्वान किया था। मरियम नवाज ने पाकिस्तान में प्रदूषण के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भारत के पंजाब में पराली जलाने से हवा की दिशा के कारण सीमा पार प्रभाव पड़ता है। इस मुद्दे को भारत के साथ तुरंत उठाया जाना चाहिए।
क्या वायु गुणवत्ता सूचकांक?
वायु गुणवत्ता सूचकांक हवा में कई प्रदूषकों की सांद्रता का एक माप है। 100 से ऊपर का वायु गुणवत्ता सूचकांक अस्वस्थ माना जाता है और 150 से ऊपर का वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत अस्वस्थ माना जाता है। बता दें कि फसल अवशेषों को जलाने और औद्योगिक उत्सर्जन से स्मॉग संकट को बढ़ावा मिला है। खतरनाक स्मॉग के कारण शहर के निवासियों में खांसी, सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और त्वचा संक्रमण समेत व्यापक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हुई हैं। स्मॉग – धुएं और कोहरे के संयोजन के लिए उपनाम – एक विशिष्ट घटना है जो तब होती है जब कुछ प्रदूषणकारी सूक्ष्म कण ठंडी, नम हवा के साथ मिल जाते हैं और जमीन के करीब लटक जाते हैं, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती है।