घर के पास इस पेड़ के होने से दूर होगी दरिद्रता, शीघ्र विवाह के लिए भी बनेगा योग!
अशोक बहुत पवित्र पेड़ माना जाता है. इसके पत्तों का पूजा में इ्तेमाल होता है. अ+शोक-अशोक नाम से ही स्पष्ट है कि जो शोक मिटाता है. दुख दूर करता है,…
अशोक बहुत पवित्र पेड़ माना जाता है. इसके पत्तों का पूजा में इ्तेमाल होता है. अ+शोक-अशोक नाम से ही स्पष्ट है कि जो शोक मिटाता है. दुख दूर करता है, संताप हरता है. कष्टों से मुक्ति देता है. अशोक के वृक्ष के कई लाभ हैं सबसे पहला तो यही कि शोक यानी दुख को सोख लेता है. अगर यह घर में है तो नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं. घर के आंगन, बगीचे, बरामदे या दहलीज पर लगा है तब तो शुभ है ही. अगर ये वृक्ष आपके घर के आसपास लगा है तो भी दुख और दरिद्रता नहीं आएगी. अशोक मानसिक तनाव को दूर करने में भी मदद करता है लेकिन याद रखें अशोक का पौधा घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए. अशोक को बंगला में अस्पाल, मराठी में अशोक, गुजराती में आसोपालव तथा देशी पीला फूलनों, सिंहली में होगाश तथा लैटिन में जोनेशिया अशोका अथवा सराका इंडिका कहते हैं.
मांगलिक कार्य, पूजा-अनुष्ठान, शादी, यज्ञोपवित, ग्रह प्रवेश आदि में अशोक के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. देवी-देवताओं के सामने अशोक के पत्ते पर कामना लिखकर अर्पित करने से शीघ्र पूरी होती है.अशोक का पेड़ या पौधा घर के आसपास उत्तर दिशा में लगाना उचित कहा गया है. अशोक के पेड़ के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
अशोक के पेड़ और उसके पत्तों से बहुत से उपाय किये जाते हैं, मांगलिक कार्यों में भी अशोक के पेड़ का बहुत महत्व है, आइये जानते हैं कि अशोक के पेड़ से क्या लाभ है.
कहा जाता है कि अशोक के 7 पत्ते लाकर घर के मंदिर में रखने से दांपत्य जीवन में बहार आती है. पति और पत्नी के बीच संबंध मधुर होने लगते हैं.
शादी में विलंब हो रहा है तो जानकार लोग अशोक के पत्तों को पानी में मिलाकर स्नान करने की सलाह देते हैं. 42 दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होता है.
अशोक के पेड़ की छाल या पत्तियों का सेवन करने पर पेट से कीड़े निकालने में मदद मिलती है.दर्द और सूजन से राहत मिलती है.
अशोक के पेड़ की छाल में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण भी होते हैं.
अशोक के पत्तों में हाइपोग्लाइसेमिक गुण भी पाए जाते हैं, जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं.
शरीर में इंसुलिन बनने की क्रिया में भी सुधार होने लगता है.
अशोक का पेड़ इको फ्रेंडली है जो अनवरत ऑक्सीजन देता है.
अशोक के पेड़ की छाल में फ्लेवोनॉयड्स, टैनिन और एनाल्जेसिक जैसे औषधीय गुण होते हैं, जो हड्डियों के लिए जरूरी तत्व होते हैं.
कैसा होता है अशोक का पेड़?
अशोक के पेड़ में ज्यादा पानी देने से बचें लेकिन इसकी मिट्टी को नम रखें.ज्यादा पानी से इस पर भूरे रंग के धब्बे हो जाते हैं और पत्ती का नुकसान हो सकता है. अशोक का पेड़ आम के पेड़ की तरह सघन होता है. इसकी पत्तियों की लंबाई और चौड़ाई 8:3 होती है. इसके कोमल पत्तों का रंग तांबे जैसा होता है इसे ताम्र पल्लव के नाम से भी जाना जाता है. अशोक के पौधों की जड़ें काफी मजबूत भी होती हैं. गहरी जड़ों की वजह से अशोक को गमलों में लगाना उचित नहीं है.