छत्तीसगढ़-कोरबा में जंगली सुअर को मारने बिछाए बिजली के तार, करंट से दो बाइक सवारों की मौत
कोरबा. जिले के बालको थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेला में सोमवार की देर शाम उस वक्त सनसनी फैल गई जब दो ग्रामीण युवकों की करंट की चपेट में आने से…
कोरबा.
जिले के बालको थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेला में सोमवार की देर शाम उस वक्त सनसनी फैल गई जब दो ग्रामीण युवकों की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। देखते ही देखते राहगीरों की भीड़ एकत्रित हो गई और इसकी सूचना बालको थाना पुलिस को दी गई। बताया जा रहा है कि गांव से गुजरे 11KW करंट प्रवाहित तार से शिकारियों के द्वारा शिकार करने के लिए जीआई तार को बिछाया गया था।
तार बहुत नीचे और जमीन से लगा हुआ था। इसी रास्ते से मोटरसाइकिल पर सवार होकर ग्राम टापरा की ओर से बेला आ रहे दो युवक नारायण कंवर पिता करम सिंह 35 वर्ष व टिकेश्वर राठिया पिता बृजलाल 32 वर्षीय दोनों करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ गए। जहां दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। यह मार्ग आम रास्ता होने के कारण लोगों की आवाजाही काफी ज्यादा थी। घटना के दौरान राहगीरों की नजर उन पर पड़ी और तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। जहां मौके पर पहुंचे करंट प्रवाहित तार को पहले अलग किया। उसके बाद आगे की कार्यवाही शुरू की गई। वहीं इसकी सूचना मृतक के परिजनों को भी दिए जहां मौके पर पहुंचे। घटना की सूचना मिलते ही बालको थाना में पदस्थ एएसई माखन लाल पात्रे और प्रधान आरक्षक लक्ष्मीकांत खरसन टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे। मौके तक चारपहिया वाहन जाने का रास्ता नहीं है। पुलिस किसी तरह घटनास्थल पहुंची और आवश्यक वैधानिक कार्रवाई करते हुए रात करीब 10:45 बजे पंचनामा बाद शव को जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया। एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा स्ट्रेचर में दोनों शवों के साथ करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पैदल तय की गई, तब जाकर एम्बुलेंस तक पहुंचे। मंगलवार को सुबह पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के परिजनों में कोहराम व गांव में शोक मिश्रित सन्नाटा पसर गया है। कुछ दिन पहले ही सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गोढ़ी के जंगल में भी जंगली सुअर पकड़ने करंट प्रवाहित तार बिछाया गया था जिसमें करंट की चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हो गई थी लगातार जंगली सूअर का शिकार करने जंगलों में शिकारी सक्रिय वही वन विभाग को कोई लेना-देना ही नहीं है किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं और ना ही वन विभाग इस पर नजर रखी हुई है तभी तो लगातार घटना सामने आ रहे हैं।