सिंचाई पानी के प्रवाह में रुकावट पैदा कर रहे अवैध मछली पकडने वाले, कार्यवाही हेतु ज्ञापन

रायपुर गंगरेल बांध से सिंचाई हेतु छोड़े गये पानी के अबाध प्रवाह में अवैध रूप से मछली पकडने वाले रुकावट डाल सिंचाई समस्या पैदा कर रहे हैं। इनके  खिलाफ कानूनी…

सिंचाई पानी के प्रवाह में रुकावट पैदा कर रहे अवैध मछली पकडने वाले, कार्यवाही हेतु ज्ञापन

रायपुर

गंगरेल बांध से सिंचाई हेतु छोड़े गये पानी के अबाध प्रवाह में अवैध रूप से मछली पकडने वाले रुकावट डाल सिंचाई समस्या पैदा कर रहे हैं। इनके  खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने रायपुर जिला जल उपभोक्ता संस्था संघ के अध्यक्ष रहे भूपेन्द्र शर्मा ने महानदी जलाशय परियोजना के मुख्य अभियंता कुबेर सिंह गुरुवर को व्हाट्स ऐप के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया है।

ज्ञापन में बताया गया है कि गंगरेल के नहरों, वितरक शाखाओं व माइनरों में प्रवाहित हो रहे पानी के साथ आने वाले मछलियों को पकडने कतिपय विध्नसंतोषी तत्व इन माइनरों व वितरक शाखाओं के गेट को गिरा खासकर रात्रि में जाल डाल अवैध रूप से मछली पकड़ते हैं। इनके द्वारा गेट गिरा दिये जाने से पानी का प्रवाह थम जाता है जिसके चलते निरंतर सिंचाई में बाधा उत्पन्न हो जाती है और नये सिरे से खेतों में पानी पहुंचाने में समय लगता है। ज्ञापन में इन विध्नसंतोषी तत्वों द्वारा माइनरों व वितरक शाखाओं के गेट की डुप्लीकेट चाबी बनवा यह कार्य करने की आंशका व्यक्त करते हुये ऐसे तत्वों के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया गया है। ज्ञापन में सर्वप्रथम इन तत्वों को चेतावनी देने ग्राम कोटवारों के माध्यम से तुरंत प्राथमिकता के आधार पर मुनादी कराने और बाज न आने पर इनके द्वारा लगाये गये जाल को जप्त कर सिंचाई अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करने के साथ – साथ इनके खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के तहत भी पुलिसिया कार्यवाही सुनिश्चित कराने आवश्यक पहल का आग्रह किया गया है।

इसकी जानकारी महानदी सिंचाई मंडल के अधीक्षण अभियंता एस के सहारे, जल प्रबंध संभाग क्रमांक के कार्यपालन अभियंता ललित रावटे व बगोली सिंचाई उपसंभाग के अनुविभागीय अधिकारी प्रमोद पाल को देते हुये अपने कमांड वाले प्रशासनिक क्षेत्र के ग्रामों में फौरी कदम उठाने का आग्रह किया गया है। इधर श्री शर्मा ने जानकारी दी है कि सिंचाई पंचायतों के अस्तित्व समाप्त होने तक इन माइनरों व वितरक शाखाओं को मछली पकडने इस शर्त के साथ नीलाम किया जाता था कि वे पानी के प्रवाह को सुनिश्चित बनाये रखेंगे पर नीलामी की कार्यवाही बंद होने के बाद से यह समस्या वर्ष दर वर्ष बढ़ती जा रही है।