मंदिर हनुमान जी का लेकिन मूर्ति महादेव की… जानिए क्यों प्रसिद्ध है पंचमुखी हनुमान मंदिर
अकसर आपने सुना होगा कि जो मंदिर जिस नाम से जाना जाता है उस मंदिर में उसी भगवान की मूर्ति स्थापित हुई होती है. लेकिन सुल्तानपुर शहर में एक मंदिर…
अकसर आपने सुना होगा कि जो मंदिर जिस नाम से जाना जाता है उस मंदिर में उसी भगवान की मूर्ति स्थापित हुई होती है. लेकिन सुल्तानपुर शहर में एक मंदिर की कहानी कुछ अन्य मंदिरों से इतर है. सुल्तानपुर शहर में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर की कहानी शायद आपको हैरान कर दे. यह मंदिर डाक खाना चौराहे के पास है, जहां नीचे हनुमान जी की मूर्ति और ऊपर भगवान भोले शंकर की मूर्ति स्थापित की गई है. यह विशेषता श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनाती है.
कुएं के ऊपर बना मंदिर
इस मंदिर का निर्माण एक प्राचीन कुएं के ऊपर किया गया है. मंदिर के प्रबंधक आशीष श्रीवास्तव ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि यह स्थान अध्यात्म के अनेक रहस्यों को समेटे हुए है. लोग इस अद्भुत संगम को गंगा नदी से जोड़कर देखते हैं. यहां भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा नीलकंठ रूप में विराजमान है.
पांच मुख वाले हनुमान जी
पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति इस मंदिर में स्थापित है, जो सुबह और शाम दर्शन के लिए खुलती है. विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को यहां भव्य भंडारे का आयोजन होता है. मंदिर के बाहर फूल माला और प्रसाद की कई दुकानें श्रद्धालुओं की सेवा में कार्यरत हैं. मंदिर के बाहर फूल माला और प्रसाद की कई दुकानें हैं जो श्रद्धालुओं की सेवा में कार्य कर रही हैं.
विवाद का विषय रहा मंदिर निर्माण
24 अप्रैल 2011 को सुल्तानपुर के प्रमुख अखबारों में इस मंदिर के निर्माण को लेकर विवाद की खबरें छाईं थीं. 22 अप्रैल 2011 को जब मंदिर का निर्माण हो रहा था, तब नगर कोतवाल पर पुजारी, उनके बेटे और मजदूरों के साथ मारपीट का आरोप लगा. इस घटना से हिंदू संगठन आक्रोशित हो गए और पूरे शहर में जाम लगा दिया. हालांकि, बाद में आलाधिकारियों और विभिन्न धर्मों के लोगों की मदद से मामला सुलझा लिया गया.