छत्तीसगढ़-सुकमा में तूफानी बारिश से गिरे पेड़ और हुआ जलभराव, घंटों जाम होने से जनजीवन प्रभावित

सुकमा. सुकमा जिले में लगातार हो रही बारिश से लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित होता नजर आ रहा है। जहां चारों तरफ जलभराव की स्थिति नजर आ रही…

छत्तीसगढ़-सुकमा में तूफानी बारिश से गिरे पेड़ और हुआ जलभराव, घंटों जाम होने से जनजीवन प्रभावित

सुकमा.

सुकमा जिले में लगातार हो रही बारिश से लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित होता नजर आ रहा है। जहां चारों तरफ जलभराव की स्थिति नजर आ रही है। मुख्य मार्ग से लेकर तीन राज्यों से सुकमा जिले का कटाव हो चुका है। वहीं तेज आंधी की वजह से कहीं मकान के ऊपर पेड़ गिर गए तो कहीं सड़क के ऊपर पेड़ गिरने से कई घंटों तक लंबा जाम देखने को मिला।

सुकमा जिले के कोण्टा के पास एक मकान में विशाल पेड़ गिर गया। इस दौरान मकान में कुछ लोग भी मौजूद थे। जिनमें से एक युवक को हल्की चोट आई है। वहीं मकान और मकान में रखा सामान बर्बाद हो गया। हालांकि, इस घटना में परिवार बाल-बाल बच्च गया तो वही चिंगावरम के पास एक विशाल पेड़ सड़क के ऊपर गिरने की वजह से दंतेवाड़ा से सुकमा का आवागमन चार घंटे तक प्रभावित रहा। इसके बाद पुलिस और सीआरपीएफ की दखल हुई। जवानों ने पेड़ को काटकर सड़क से हटाया। तब जाकर आवागमन दुरुस्त हुआ।
इधर सुकमा जिला प्रशासन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित ठिकानों में शिफ्ट करने में जुटा हुआ है। जिले भर में तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में लाया गया। वहीं 10 सितंबर को भी जिले भर में स्कूलों के अवकाश की घोषणा जिला शिक्षा अधिकारी ने कर दी है। जिला प्रशासन ने कोण्टा और जिले भर के निचले इलाकों में बाढ़ की पूरी संभावना जताई है और लोगों को सावधान रहने को कहा गया है। प्रशासन ने संभावना जताई है कि अगले 24 घंटे में जिले के कई इलाकों में जल भराव की स्थिति देखने को मिल सकती है।

जानिए जिले में कहां कैसी स्थिति
पिछले 10 दिनों से लगातार हो रही बारिश से सुकमा जिले का ओडिशा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तीनों राज्यों से कटाव देखने को मिला है। सुकमा के झापरा पुल के ऊपर से पानी बहने की वजह से ओडिशा से सीधा आवागमन प्रभावित हुआ है। वहीं इंजरम ,एर्राबोर, दुब्बाटोटा के पास पानी भरने की वजह से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों से भी जिले का कटाव देखने को मिला है। वही फिलहाल की स्थिति में अंदरूनी इलाकों की अगर बात की जाए तो 100 से अधिक गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं। जिनका जिला मुख्यालय से सीधा कटाव है। इधर जाकर गुंडा मार्ग पर मुकर्रम पुल और मल्लबाग पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। कोटा के वार्ड क्रमांक 13 14 और 15 में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिसको देखते हुए कोटा में राहत शिविर में प्रशासन के द्वारा लोगों की शिफ्टिंग का इंतजाम किया गया है। नगर पंचायत दोरनापाल में भी वार्ड क्रमांक 10 ,5 के लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट किया जा सकता है।