शिक्षक की भूमिका कुम्हार की तरह है जो गीली मिट्टी को घड़े का आकार देता है- विधायक किरणदेव
रायपुर : भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के जन्म दिवस के अवसर पर बस्तर जिले के सहयोग से शिक्षा विभाग द्वारा स्थानीय पंडित श्यामाप्रसाद मुखर्जी टाऊन हाल में मुख्यमंत्री शिक्षा…
रायपुर : भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के जन्म दिवस के अवसर पर बस्तर जिले के सहयोग से शिक्षा विभाग द्वारा स्थानीय पंडित श्यामाप्रसाद मुखर्जी टाऊन हाल में मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह विधायक जगदलपुर किरणदेव के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। समारोह में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 24 शिक्षक-शिक्षिकाओं को शॉल-श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं नगद राशि प्रदान कर नवाजा गया। वहीं जिले में इस वर्ष सेवानिवृत्त हुए शिक्षक-शिक्षिकाओं को शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक किरणदेव सहित महापौर सफीरा साहू तथा अन्य जनप्रतिनिधि और कलेक्टर विजय दयाराम के., सीईओ जिला पंचायत प्रकाश सर्वे एवं जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर मुख्य अतिथि विधायक किरणदेव ने शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक की भूमिका कुम्हार की तरह है जो गीली मिट्टी को घड़े का आकार देता है। इसीलिए गुरुजनों का सम्मान सदैव ही यथावत रहेगा। अपनी इस महत्ती योगदान शिक्षा के दीप को जीवन पर्यन्त प्रज्वलित कर दुनिया में प्रकाशवान बने रहें। उन्होंने बच्चों और देश के भविष्य निर्माण में सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं से अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी लगन और निष्ठा से करने का आग्रह किया।
शिक्षक सम्मान समारोह में महापौर सफीरा साहू ने कहा कि आज का दिन शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए सम्मान का दिन है, यदि विद्यार्थी अपने जीवन में उपलब्धि हासिल करता है तो उसका श्रेय शिक्षकों को जाता है और वे गर्व महसूस करते हैं। इस दौरान भारत स्काउट एवं गाईड के जिला मुख्य आयुक्त संजय पाण्डे तथा वरिष्ठ पार्षद योगेन्द्र पाण्डे ने शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए देश, समाज और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका और उनके नैतिक दायित्वों पर प्रकाश डाला। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना वर्ष 2047 तक विकसित भारत का संकल्प को पूरा करने में शिक्षकों से अनवरत समर्पित रहने की अपेक्षा की। आरंभ में जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए शिक्षा के उजियारा फैलाने की दिशा में सेवानिवृति के बाद भी सेवा देने का आग्रह सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाओं से किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपने अनुभव साझा किया। कार्यक्रम में गणमान्य नागरिकों सहित विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।