‘आप किसी को तकलीफ़ देते हैं तो भुगतने के लिए तैयार रहें‘ किसी की हाय लगने से क्या होता? प्रेमानंद जी महाराज ने बताया बचने का उपाय

Useful Tips From Premanand ji Maharaj: मथुरा वृंदावन के संत और राधारानी के भक्त प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर अपने प्रवचनों के कारण चर्चा में रहते हैं. उनके सत्संग…

‘आप किसी को तकलीफ़ देते हैं तो भुगतने के लिए तैयार रहें‘ किसी की हाय लगने से क्या होता? प्रेमानंद जी महाराज ने बताया बचने का उपाय

Useful Tips From Premanand ji Maharaj: मथुरा वृंदावन के संत और राधारानी के भक्त प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर अपने प्रवचनों के कारण चर्चा में रहते हैं. उनके सत्संग में दूर दराज से लोग आते हैं. इनमें कई बॉलीवुड और क्रिकेट से जुड़े लोग और सिंगर आदि भी शामिल हैं. सत्संग में आने वाले लोग अपने मन में आने वाले प्रश्न और उलझन को महाराज के सामने रखते हैं, जिसे वे दूर करने का प्रयास करते हैं. एक बार जब एक व्यक्ति ने महाराज से पूछा कि, किसी की हाय लगने पर क्या होता है तो इस बारे में महाराज जी ने विस्तार से बताया. साथ ही इससे बचने का उपाय भी बताया. आइए जानते हैं क्या कहा प्रेमानंद जी महाराज ने?

परिवार का ऋण आप पर
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, आप जिस परिवार में रह रहे हैं आप पर उसका ऋण है इसलिए आप उस परिवार में आए हैं. जब तक आप उस परिवार का ऋण चुका नहीं देते आप कहीं नहीं जा सकते. ये पूर्व के जन्मों से ही निश्चित होता है.

कर्मों का फल भोगना पड़ेगा
प्रेमानंद जी के अनुसार, आपको अपने कर्मों का फल भोगना पड़ेगा आप इससे नहीं बच सकते. हालांकि, कभी आपके मन में सवाल आ सकता है कि मैंने तो किया नहीं कुछ फिर ऐसा क्यों. वे कहते हैं जैसे किसी के यहां पुत्र हुआ और जन्म से ही पैसे खर्च करना शुरू कर दिया बड़ा हुआ तो उद्दंड हो गया यह उसके कर्मों का ही फल है.

किसी की हाय लग जाए तो?
हमें किसी भी व्यक्ति को कष्ट देने से बचना चाहिए. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, जब किसी की आह निकलती है तो उसका भुगतान हमें करना ही होता है. किसी के मुंह से अगर निकलता है कि ‘तुम भोगोगे…’ तो ये ऐसे ही नहीं निकलता, यह आपको भोगना पड़ता है. उन्होंने कहा किसी के दिल से निकली हुई बद्दुआ बेकार नहीं जाती और इसे आपको झेलना ही पड़ता है.

हाय से बचने का बताया उपाय
प्रेमानंद महाराज ने किसी की हाय से बचने का उपाय बताते हुए कहा कि, इससे बचने का एक मात्र उपाय है- ना लेना ना देना बस अपने में मग्न रहना. उन्होंने कहा कि बस भगवान को अपना मानो वहीं सब खत्म.