एमडीएच, एवरेस्ट विवाद: सरकार के एक्शन के बीच कंपनी का आया बड़ा बयान…

 मसालों के दो लोकप्रिय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट इस समय संकट में हैं। दोनों कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट में कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाने के बाद सिंगापुर और…

 मसालों के दो लोकप्रिय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट इस समय संकट में हैं।

दोनों कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट में कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाने के बाद सिंगापुर और हांगकांग में उन उत्पादों को बैन करने की खबरें आईं।

इधर FSSAI ने भी देशभर में एमडीएच और एवरेस्ट सहित पाउडर वाले सभी ब्रांडों के मसालों के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं। इस सबके बीच एवरेस्ट के प्रवक्ता का बयान आया है।

एवरेस्ट के प्रवक्ता ने कहा, ” “एवरेस्ट पर किसी भी देश में बैन नहीं है। सिंगापुर के फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने हांगकांग के रिकॉल अलर्ट का हवाला दिया और हमारे सिंगापुर आयातक को आगे की जांच के लिए प्रोडक्ट को वापस बुलाने और अस्थायी रूप से होल्ड करने के लिए कहा।”

कंपनी ने कहा कि उसके 60 प्रोडक्ट में से सिर्फ एक को जांच के लिए रखा गया है। कंपनी ने उपभोक्ताओं को आश्वासन दिया है कि उसके प्रोडक्ट “सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले” हैं।

क्यों हुई कार्रवाई

हांगकांग और सिंगापुर में फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने दो भारतीय मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के चार उत्पादों का उपयोग नहीं करने की चेतावनी दी है।

क्योंकि, इनमें एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा तय लिमिट से अधिक थी। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा एथिलीन ऑक्साइड को ‘ग्रुप 1 कार्सिनोजेन’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

किस मसाले में दिक्कत

हांगकांग के सीएफएस ने 5 अप्रैल को कहा था कि एमडीएच के तीन उत्पादों – मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला और करी पाउडर के साथ-साथ एवरेस्ट के फिश करी मसाला में एक कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड होता है।

इसके बाद इन प्रोडक्ट की सेल रोकने और प्रभावित उत्पादों को हटाने के निर्देश जारी हुए।

इस बीच सिंगापुर खाद्य एजेंसी (SFA) ने एवरेस्ट के फिश करी मसाला को मंजूरी की सीमा से अधिक स्तर पर एथिलीन ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण वापस लेने का आदेश दिया।

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