चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे हैं राहुल गांधी, BJP शासित राज्य से लड़ने से डर रहे: गुलाम नबी आजाद…

पूर्व दिग्गज कांग्रेसी और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बड़ा दावा किया है कि राहुल गांधी भाजपा शासित राज्य से लोकसभा चुनाव लड़ने से…

पूर्व दिग्गज कांग्रेसी और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बड़ा दावा किया है कि राहुल गांधी भाजपा शासित राज्य से लोकसभा चुनाव लड़ने से झिझक रहे हैं।

उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी के उस दावे का भी खंडन किया जिसमें कहा जा रहा है कि राहुल बहादूरी से भाजपा का मुकाबला चुनावी मैदान में कर रहे हैं।

इतना ही नहीं, आजाद ने अपने पूर्व अध्यक्ष को चम्मच से खिलाया हुआ बच्चा करार दिया है।

गुलाम नबी आजाद ने आगे आरोप लगाया कि राहुल गांधी उस राज्य में शरण लेना चाहते हैं जहां अल्पसंख्यकों की आबादी अधिक है।

उन्होंने राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए दोनों को “चम्मच से दूध पीने वाला बच्चा” बताया। आजाद ने कहबा कि दोनों ने अपने दम पर कुछ नहीं किया है।

गुलाम नबी आजाद ने कहा, “राहुल गांधी भाजपा शासित राज्यों में चुनाव लड़ने से क्यों हिचकिचा रहे हैं? वह भाजपा से लड़ने का दावा करते हैं, लेकिन उनकी हरकतें कुछ और ही संकेत देती हैं। भाजपा शासित राज्यों से क्यों भागे और अल्पसंख्यक बहुल राज्यों में क्यों शरण ली?” आपको बता दें कि वह उधमपुर लोकसभा सीट के संगलदान और उखराल इलाकों में रैली को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने केरल जैसे राज्यों में सुरक्षित सीटों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाते हुए जमीन पर भाजपा से लड़ने की कांग्रेस और राहुल गांधी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया। नेहरू-गांधी परिवार के करीबी रहे गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी और उमर  अब्दुल्ला राजनेता नहीं बल्कि “चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे” हैं।

आजाद ने कहा, “उन्होंने जीवन में कोई व्यक्तिगत बलिदान नहीं दिया है और वे केवल इंदिरा गांधी और शेख अब्दुल्ला जैसी हस्तियों से विरासत में मिली राजनीतिक विरासत का आनंद ले रहे हैं। दोनों ने अपनी ओर से कुछ नहीं किया है। अब्दुल्ला चिनाब घाटी में डीपीएपी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं, बीजेपी के खिलाफ नहीं। उन्हें धर्मनिरपेक्ष वोटों को विभाजित करने का काम सौंपा गया है। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया।”