ईद पर इजरायल ने बिछा दीं 122 लाशें, गाजा में रमजान के आखिरी दिन भी फिलिस्तीनियों का कत्लेआम…

गाजा में ईद-उल-फितर पर शोक की लहर दौड़ रही है। लोग इधर-उधर जान बचाकर भागने को मजबूर हैं तो कई के मलबे में दबे होने की आशंका है। ईद-उल-फितर के…

गाजा में ईद-उल-फितर पर शोक की लहर दौड़ रही है। लोग इधर-उधर जान बचाकर भागने को मजबूर हैं तो कई के मलबे में दबे होने की आशंका है।

ईद-उल-फितर के मौके पर इजरायल ने रात भर बीच गाजा में अपार्टमेंट इमारतों पर बमबारी कर कई लोगों को मार डाला। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इन हमलों में एक ही परिवार के 14 सदस्यों की मौत हो गई है।

फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, गाजा में ईद-उल-फितर पर इजरायल के सैन्य हमले का साया रहा। पिछले 24 घंटों में 122 फिलिस्तीनी मारे गए और 56 घायल हो गए।

एएफपी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि 7 अक्टूबर से अब तक हमले में कम से कम 33,482 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 76,049 घायल हुए हैं।

ईद-उल-फितर खुशी का त्योहार है। यह त्योहार रमजान के महीने के अंत में मनाया जाता है, जब मुस्लिम समुदाय ने एक महीने तक रोजे रखकर खुदा की इबादत की है।

गाजा अधिकारियों के अनुसार, हवाई हमलों में जबालिया और नुसीरात शहरों को निशाना बनाया गया, जिसमें अबू यूसुफ परिवार के 14 सदस्य मारे गए। गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने नुसीरात में हमले को “नरसंहार” बताया।

अधिकारियों ने हवाई हमलों की निंदा करते हुए कहा कि ईद का आम तौर पर खुशी भरा जश्न अब दुख, शोक में बदल गया है।

उन्होंने कहा कि मलबा हटाने के लिए उपयुक्त मशीनरी और अन्य टूल नहीं हैं जिसके चलते कई शव अंदर ही दबे हैं। गाजा में लोगों को भीषण बमबारी के बीच रमजान और ईद का त्योहार मनाने को मजबूर होना पड़ा है।

गाजा की स्वास्थ्य प्रणाली बुरी तरह चरमरा गई है और 23 लाख आबादी में से अधिकांश लोग अपने घरों से जबरन विस्थापित होने के बाद तंबू में रह रहे हैं।

हमास के नेता हानिया ने इजराइल पर अपने तीन बेटों की हत्या का आरोप लगाया

हमास के नेता इस्माइल हानिया ने इजराइल पर बदले की भावना से उनके तीन बेटों की हत्या का आरोप लगाया है। हानिया ने बुधवार को अल-जजीरा सेटेलाइट चैनल को दिए साक्षात्कार में मौतों की पुष्टि की और कहा कि उनके बेटे यरूशलम और अल-अक्सा मस्जिद को आजाद कराने की राह में शहीद हो गए।”

हानिया ने फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, “दुश्मन बदले और कत्लेआम की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है और वह किसी मानक या कानून को कोई महत्व नहीं देता।”

इस्माइल हानिया कतर में निर्वासन में रहते हैं, जहां अल-जजीरा का मुख्यालय है। उन्होंने कहा कि इन हत्याओं से हमास पर रुख नरम करने के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता।