18000 मौतें, चीख-पुकार से गाजा बना श्मसान; तब टूटी नींद; बाइडेन की मजबूरी की इनसाइड स्टोरी क्या?…

इजरायल-हमास युद्ध अब तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है। इसके साथ ही इजरायल का धन-बल से साथ दे रहे अमेरिका ने अब अपना स्टैंड बदल लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति…

18000 मौतें, चीख-पुकार से गाजा बना श्मसान; तब टूटी नींद; बाइडेन की मजबूरी की इनसाइड स्टोरी क्या?…

इजरायल-हमास युद्ध अब तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है। इसके साथ ही इजरायल का धन-बल से साथ दे रहे अमेरिका ने अब अपना स्टैंड बदल लिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा पर हमले रोकने और फिलिस्तीन पर टू- नेशन समाधान को मान लेने की नसीहत दी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी है कि गाजा पर इजरायल की अंधाधुंध बमबारी यूरोप और बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब अलग-थलग कर रही है।

बाइडेन ने बेंजामिन सरकार को कट्टर सरकार भी करार दिया है।

अगले साल होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए वाशिंगटन में एक चुनाव अभियान में बोलते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने दो टूक कहा कि इजरायली पीएम फिलिस्तीनी राज्य को “ना नहीं कह सकते”।

इसके साथ ही बाइडेन ने नेतन्याहू से 9/11 के बाद अमेरिका द्वारा की गई गलतियों को न दोहराने का आग्रह भी किया। बाइडेन ने चेतावनी दी कि 7 अक्टूबर के हमास के हमले के बाद बनाया गया अंतरराष्ट्रीय समर्थन का गठबंधन अब ख़तरे में है।

कैसे बदला बाइडेन का रुख?
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बदला हुआ स्वरूप तब सामने आया है, जब वह खुद अपने ही देश में गाजा पर हो रहे हमलों के लेकर आरोपों में घिर चुके हैं, जबकि अगले साल उन्हें चुनावों में जाना है।

अब अमेरिकी राष्ट्रपति को इजरायली हमले पर अपने रुख को लेकर जनता की अदालत और अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर बढ़ती आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। 

पब्लिक से लेकर पार्टी तक आलोचना:
हाल ही में CBS न्यूज के एक पोल में पाया गया कि केवल 20% अमेरिकियों को ही लगता है कि बाइडेन के दृष्टिकोण से इजरायल-हमास संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की संभावना है।

80 फीसदी लोगों ने इसे खारिज कर दिया है, जबकि 38% डेमोक्रेट्स ये मानते हैं कि बाइडेन ने इजरायल पर ज्यादा ही मेहरबानी दिखाई है। पिछले महीने यह आंकड़ा 28% ही था। यानी बाइडेन की पार्टी के अंदर भी उनके खिलाफ धीरे-धीरे असंतोष बढ़ने लगा है।

इसके अलावा बाइडेन की टिप्पणी अन्य पश्चिमी सरकारों द्वारा लगातार रात भर जारी इजरायली हमलों को रोकने की मांग के बाद एक दबाव के रूप में आई है।

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड की सरकारों ने मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी कर सभी फिलिस्तीनी नागरिकों तक “सुरक्षित और निर्बाध मानवीय पहुंच” और सभी शेष बंधकों की रिहाई और युद्धविराम का आह्वान किया है।

बुधवार को बंधकों के परिजनों से मुलाकात:
अमेरिकी मीडिया में दावा किया गया है कि बाइडेन अब बुधवार को हमास द्वारा बंधक बनाए गए अमेरिकियों के परिवारों के साथ पहली बार व्यक्तिगत बैठक करने वाले हैं।

एनबीसी न्यूज के मुताबिक, पीड़ित परिवारों को व्हाइट हाउस बुलाया गया है। हालांकि कुछ लोग वर्चुअली इसमें शामिल हो सकते हैं। गाजा में पिछले मानवीय युद्धविराम के दौरान चार अमेरिकियों को रिहा कर दिया गया था, जबकि सात का अभी तक पता नहीं चल सका है।

बता दें कि इजरायल हमास युद्ध का 68वां दिन है। इस दौरान इजरायली सेना के हमलों से गाजा पट्टी श्मसान बन चुका है। गाजा के कई शहर मलबे में तब्दील हो चुके हैं, जबकि 18000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत इन हमलों में हो चुकी है।

इनमें से दो तिहाई बच्चे और महिलाएं हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। उधर, मंगलवार को ही संयुक्त राष्ट्र में 153 देशों ने गाजा में तुरंत युद्धविराम के प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है।