मिडिल-ईस्ट में कत्ल-ओ-गारत के बीच शांति दूत बनेंगे पीएम मोदी, क्यों अहम है उनका UAE दौरा…

गाजा के संघर्ष की वजह से मिलिड-ईस्ट एक बार फिर दहशत की जद में जी रहा है। कई देश गाजा और इजरायल के बीच शांति की पैरवी कर चुके हैं…

मिडिल-ईस्ट में कत्ल-ओ-गारत के बीच शांति दूत बनेंगे पीएम मोदी, क्यों अहम है उनका UAE दौरा…

गाजा के संघर्ष की वजह से मिलिड-ईस्ट एक बार फिर दहशत की जद में जी रहा है। कई देश गाजा और इजरायल के बीच शांति की पैरवी कर चुके हैं मगर हालात में सुधार नहीं हुआ।

कतर से ले ईजिप्ट तक और अमेरिका से लेकर सऊदी अरब तक हर बड़े देशों ने मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने का पूर्ण प्रयास किया।

पीएम मोदी अब ऐसे ही समय में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित एक हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने के लिए 13 और 14 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का दौरा करने वाले हैं। उनका यह दौरा कई मायनों में अहम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी मंगलवार (13 फरवरी) से यूएई की दो दिवसीय यात्रा करेंगे। इस दौरान वह राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा भी करेंगे।

पीएम मोदी और यूएई के राष्ट्रपति अल नाहयान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा, विस्तारित और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

क्यों अहम मंदिर का उद्घाटन?
प्रधानमंत्री मोदी दुबई में आयोजित होने वाले वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट 2024 में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लेंगे और शिखर सम्मेलन में एक विशेष संबोधन देंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मोदी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे, साथ ही वह जायद स्पोर्ट्स सिटी में एक कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे।

भारत और यूएई के बीच मजबूत राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित मधुर, घनिष्ठ और बहुआयामी संबंध हैं।

अगस्त 2015 में पीएम मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया। ऐसे में मंदिर उद्घाटन के लिए खास पीएम मोदी का यूएई आना एक दोनों देशों के बीच एक खास संबंधन को उजागर करता है।

मजबूत होगी व्यापारिक हिस्सेदारी
दोनों देशों ने फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और सीमा पार लेनदेन के लिए भारतीय रुपये और एईडी (संयुक्त अरब अमीरात दिरहम) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक हैं। साल 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में यूएई भारत के शीर्ष चार निवेशकों में से एक है।

लगभग 35 लाख की आबादी वाला भारतीय समुदाय संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।

अपने मेजबान देश के विकास में यूएई का सकारात्मक और सराहनीय योगदान भारत के लिए उत्कृष्ट द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है।   

ढूढेंगे गाजा के संघर्ष का हल
पीएम मोदी की यात्रा एक महत्वपूर्ण समय पर हो रही है। चूंकि गाजा में संघर्ष लगातार जारी है, जिसे लेकर कई देश चिंचित हैं। उनके लिए युद्ध को समाप्त करना और अभूतपूर्व मानवीय संकट का समाधान ढूंढना मुश्किल हो गया है।

भारत और यूएई दोनों शीघ्र युद्धविराम के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने और शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के पक्षधर रहे हैं।

इतना ही नहीं यह दोनों देश फिलिस्तीन में एक व्यवहार्य, स्वतंत्र और संप्रभु राज्य की स्थापना भी चाहते हैं। इसलिए, मंदिर के उद्घाटन के अलावा यह यात्रा दोनों नेताओं को इस खूनी संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक बार फिर चर्चा करने और विभिन्न विकल्पों का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी।