उत्तर बस्तर कांकेर : कोतकुड़ के किसानों की मांग हुई पूरी, धान के परिवहन की समस्या से मिली निजात…

कलेक्टर की विशेष पहल से धान उपार्जन केन्द्र मातला ’ब’ से आमाबेड़ा में किया गया स्थानांतरित किसानों की सुविधा को दृष्टिगत करते हुए राज्य सरकार ने धान उपार्जन केन्द्र को…

उत्तर बस्तर कांकेर : कोतकुड़ के किसानों की मांग हुई पूरी, धान के परिवहन की समस्या से मिली निजात…

कलेक्टर की विशेष पहल से धान उपार्जन केन्द्र मातला ’ब’ से आमाबेड़ा में किया गया स्थानांतरित

किसानों की सुविधा को दृष्टिगत करते हुए राज्य सरकार ने धान उपार्जन केन्द्र को एक स्थान से दूसरी जगह स्थित केन्द्र में स्थानांतरित करने की सुविधा दी है।

ऐसे ही जिले के वनांचल क्षेत्र में स्थित अंतागढ़ तहसील के ग्राम कोतकुड़ के किसानों की मांग पूरी हुई है, जिससे उन्हें धान के परिवहन की बड़ी समस्या से निजात मिली है।

खाद्य अधिकारी ने बताया कि कोतकुड़ ग्राम के सभी कृषकों का आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित आमाबेड़ा के धान उपार्जन केन्द्र मातला ’ब’ में पंजीयन कराया गया था।

धान उपार्जन केन्द्र मातला ’ब’ से ग्राम पंचायत कोतकुड़ की दूरी 45 किलोमीटर होने के कारण नजदीक के धान उपार्जन केन्द्र आमाबेड़ा में संलग्न करने की मांग किसानों के द्वारा की जा रही थी, जिसकी यहां से दूरी मात्र 05 किलोमीटर है।

उन्होंने बताया कि किसानों का धान उपार्जन केन्द्र आमाबेड़ा में विक्रय करने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह द्वारा त्वरित संज्ञान में लेते हुए सक्षम उच्चाधिकारियों से तत्संबंध में पत्राचार कर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया।

उक्त मांग को शासन ने गम्भीरता से लेते हुए ग्राम कोतकुड़ के सभी कृषकों का पंजीयन धान उपार्जन केन्द्र मातला ’ब’ से धान उपार्जन केन्द्र आमाबेड़ा में स्थानांतरित करवाया गया।

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित आमाबेड़ा के समिति प्रबंधक एवं कर्मचारियों द्वारा ग्राम कोतकुड़ के कृषकों को सूचित किया गया। साथ ही 30 जनवरी तथा 01 फरवरी को सभी कृषकों से सुगमतापूर्वक धान उपार्जन केन्द्र आमाबेड़ा में टोकन जारी कर 43.60 हेक्टेयर रकबा में 734.40 क्विंटल धान की खरीदी की गई है।

शासन द्वारा की गई उक्त नवीन व्यवस्था से ग्राम कोतकुड़ के किसान बेहद खुश हैं। धान के परिवहन के लिए ग्राम मातला ब से आमाबेड़ा में स्थानांतरित करने, यानी 45 किलोमीटर की दूरी को 05 किलोमीटर में समेटने के लिए यहां के किसानों ने छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन प्रति आभार व्यक्त किया है।

साथ ही समिति के कर्मचारियों एवं हमालों को भी धन्यवाद दिया है।