रूस से जंग के बीच यूक्रेन में बड़ा घोटाला, हथियारों की खरीद के नाम पर सेना के बड़े अधिकारी डकार गए अरबों रुपए…

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को अगले महीने फरवरी में तीन साल पूरे हो जाएंगे। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही यह जंग विश्व युद्ध से कम नहीं क्योंकि,…

रूस से जंग के बीच यूक्रेन में बड़ा घोटाला, हथियारों की खरीद के नाम पर सेना के बड़े अधिकारी डकार गए अरबों रुपए…

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को अगले महीने फरवरी में तीन साल पूरे हो जाएंगे।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही यह जंग विश्व युद्ध से कम नहीं क्योंकि, एक तरफ रूस प्रत्यक्ष रूप से अकेले खड़ा है तो दूसरी तरफ 27 यूरोपीय देश और अमेरिका की मदद के सहारे यूक्रेन युद्ध में सफलता पूर्वक टिका है। टिका ही नहीं, उसने कई राज्यों को रूसी सेना से आजाद भी करा दिया है।

दोनों देशों के बीच वर्चस्व की इस जंग में यूक्रेन को नुकसान तो हुआ ही है, लेकिन रूस ने भी अपनी संपदा, ख्याति और 90 फीसदी सैनिकों की जान गंवा दी है। इस भयंकर जंग के बीच यूक्रेन में बड़ा सैन्य घोटाला सामने आया है।

ऐसी जानकारी सामने आई है कि रक्षा मंत्रालय और सेना के बड़े अधिकारियों ने हथियारों की खरीद के नाम पर 33 अरब रुपए डकार दिए।

यूक्रेन की एसबीयू सुरक्षा सेवा ने शनिवार को कहा कि उसने देश की सेना द्वारा हथियारों की खरीद में लगभग 40 मिलियन डॉलर (करीब 33 अरब रुपए) के भ्रष्टाचार का खुलासा किया है।

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने भी मामले में  पुष्टि कर दी है कि रूस के साथ दो साल से चल रही जंग के बीच यूक्रेन में बड़ा सैन्य घोटाला हुआ है। इस भ्रष्टाचार की सूचना मिलने के बाद देश में यह प्रमुख मुद्दा बन गई है। 

सेना को मोर्टार गोले खरीदने थे, पैसा दबा गए अधिकारी
एसबीयू ने कहा कि जांच में “रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और हथियार आपूर्तिकर्ता लविव आर्सेनल के प्रबंधकों का पर्दाफाश हुआ है, जिन्होंने गोले की खरीद में लगभग 1.5 बिलियन रिव्निया (यूक्रेनी मुद्रा) चुराए।”

जांच के अनुसार, इस घोटाले में “रक्षा मंत्रालय के पूर्व और वर्तमान उच्च पदस्थ अधिकारी और संबद्ध कंपनियों के प्रमुख गबन में शामिल हैं।” इसमें कहा गया है कि गबन में यूक्रेनी सेना को 1,00,000 मोर्टार गोले की खरीद शामिल थी।

पैसा 2 साल पहले दिया, अभी तक नहीं मिले हथियार
एसबीयू ने कहा कि मोर्टार गोले के लिए अगस्त 2022 में ल्वीव आर्सेनल के साथ एक अनुबंध किया गया था। यह युद्ध शुरू होने के छह महीने बाद हुआ था।

भुगतान एडवांस में किया गया था। कुछ धनराशि विदेश में स्थानांतरित की गई थी। बयान में कहा गया है, लेकिन इतना वक्त बीत जाने के बाद भी सेना को कोई हथियार मुहैया नहीं कराया गया।

जांच में पता लगा कि ट्रांसफर की गई वो रकम उन खातों से भी अन्य विदेशी बैंक खातों में ट्रांसफर की गई।

पांच को नोटिस, एक गिरफ्तार
बयान में कहा गया है कि पांच व्यक्तियों को “संदेह के नोटिस” दिए गए हैं। इसमें रक्षा मंत्रालय और हथियार आपूर्तिकर्ता दोनों से जुड़े टॉप अधिकारी हैं।

इसमें कहा गया है कि एक संदिग्ध को यूक्रेनी सीमा पार करने की कोशिश करते समय हिरासत में लिया गया है।

यूक्रेन में भ्रष्टाचार पर बहुत सख्त है जेलेंस्की सरकार
बता दें कि यूक्रेन में वलोडोमिर जेलेंस्की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में बेहद गंभीर रही है। यूक्रेन में सेना के भीतर भ्रष्टाचार एक विशेष रूप से संवेदनशील मुद्दा इसलिए भी है क्योंकि यह युद्ध के समय हुआ है, जब यूक्रेन अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहा है और मदद के लिए 27 यूरोपीय देशों से लगातार मदद मांग रहा है।

पिछले साल सितंबर महीने में तत्कालीन रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव को पश्चिमी सहयोगियों के साथ चर्चा में यूक्रेन का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों में बर्खास्त कर दिया गया था।

हालांकि उन पर व्यक्तिगत रूप से भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप नहीं लगाया गया, लेकिन उनके नेतृत्व में भ्रष्टाचार के कई मामले आए थे- जिसमें सैनिकों को भोजन की पर्याप्त आपूर्ति न देना और सैनिकों के लिए उपयुक्त कपड़े उपलब्ध न करना शामिल था।