EVM पर बहस का समय गया, मतपत्रों से हो लोकसभा इलेक्शन; कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग को घेरा…

कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से मतपत्रों के लिए चुनाव कराने की मांग की है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव…

EVM पर बहस का समय गया, मतपत्रों से हो लोकसभा इलेक्शन; कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग को घेरा…

कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से मतपत्रों के लिए चुनाव कराने की मांग की है।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात पर बहस करने का समय खत्म हो गया है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है या नहीं।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पित्रोदा ने कहा कि चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट के बारे में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया है।

उन्होंने कहा कि अब जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए उन मुद्दों पर चर्चा करने का समय चला गया है। उन्होंने कहा कि चुनावों को लेकर लोगों में विश्वास की भारी कमी है। 

सैम पित्रोदा ने कहा, “विश्वास की भारी कमी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत का चुनाव आयोग क्या सोचता है। जो मायने रखता है वह यह कि भारत के लोग क्या सोचते हैं… मेरे अनुसार, आज एकमात्र विकल्प पेपर बैलेट ही बचा है।”

हालांकि पित्रोदा ने बाद में कहा कि वह कांग्रेस की ओर से नहीं, बल्कि एक “चिंतित नागरिक” के तौर पर बोल रहे हैं।

इसके अलावा, कांग्रेस ने दावा किया कि चुनाव आयोग (EC) ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इनकार कर दिया। पार्टी ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा मिलने से इनकार करना ‘अन्याय’ है जो लोकतंत्र की बुनियाद पर आघात करने वाला है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विपक्षी दल निर्वाचन आयोग के समक्ष वीवीपैट के विषय पर अपनी बात रखना चाहते हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन दुख की बात है कि यह स्वतंत्र संस्था ‘इंडिया’ गठबंधन की पार्टियों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर रही है। ये दल केवल मतदाताओं द्वारा वोट डालने पर वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर अपनी बात रखना चाहते हैं।”

उनका कहना है, “वीवीपीएटी और कुछ नहीं बल्कि ‘वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ है। निर्वाचन आयोग का लगातार इनकार एक अन्याय है जो हमारे लोकतंत्र की बुनियाद पर हमला है।” रमेश ने कहा कि मतदाता को यह सत्यापित करने का अधिकार है कि उसका वोट सटीक तरीके से दर्ज किया गया है। रमेश ने पिछले साल 30 दिसंबर को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि ‘इंडिया’ के एक प्रतिनिधिमंडल को वीवीपैट पर्चियों पर अपने विचार रखने के लिए मिलने का समय दिया जाए।