दीदी के गढ़ में राहुल गांधी का इम्तिहान, क्या ममता करेंगी यात्रा के साथ ‘न्याय’…

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर चुके INDIA गठबंधन में दरार साफ नजर आने लगी है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा…

दीदी के गढ़ में राहुल गांधी का इम्तिहान, क्या ममता करेंगी यात्रा के साथ ‘न्याय’…

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर चुके INDIA गठबंधन में दरार साफ नजर आने लगी है।

एक तरफ कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बंगाल में एंट्री की तैयारी कर दी है, दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने बुधवार को यह ऐलान करके सभी साथियों को चौंका दिया कि उनकी पार्टी टीएमसी आम चुनाव में पश्चिम बंगाल से अकेले ही चुनाव लड़ेगी।

उधर, कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद नीतीश कुमार के भाजपा पर तेवर नरम नजर आ रहे हैं। जानकार बताते हैं कि ममता के गढ़ में राहुल गांधी का कड़ा इम्तिहान हो सकता है।

टीएमसी पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है कि वे यात्रा में कांग्रेस के साथ रहेंगी।

पीटीआई की रिपोर्ट है कि तृणमूल कांग्रेस के 25 जनवरी को पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने पर राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने की संभावना नहीं है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को यह बयान दिया। भारत जोड़ो न्याय यात्रा, वर्तमान में असम से गुजर रही है। यह 25 जनवरी को कूच बिहार जिले के बक्शिरहाट से होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी।

26-27 जनवरी की छुट्टी के बाद यह यात्रा 29 जनवरी को बिहार पहुंचने से पहले जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर और दार्जिलिंग से गुजरेगी। 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा 31 जनवरी को मालदा के रास्ते पश्चिम बंगाल में फिर से प्रवेश करेगी और 1 फरवरी को राज्य छोड़ने से पहले कांग्रेस के दोनों गढ़ मुर्शिदाबाद से होते हुए यात्रा करेगी।

भारत जोड़ो यात्रा के बंगाल में सिर्फ सात जिलों से होकर गुजरने की प्लानिंग है, इसमें मालदा और मुर्शिदाबाद जिले भी शामिल हैं, जो कांग्रेस का गढ़ माने जाते हैं।

ममता के गढ़ में राहुल का इम्तिहान
कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की पश्चिम बंगाल में कड़ी परीक्षा हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच बयानों में टकराव देखने को मिला है।

एक तरफ कांग्रेस ने दावा किया है कि उन्होंने ममता को न्याय यात्रा का निमंत्रण भी भेजा है। अब ममता यात्रा में शामिल होती हैं या नहीं, यह सारी बातें आगे ही तय होंगी। राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने सभी भारतीय ब्लॉक सहयोगियों को निमंत्रण भेजा है, “अब यह टीएमसी पर निर्भर है कि वे यात्रा में शामिल होंगे या नहीं।

टीएमसी के वरिष्ठ का कहना है कि उन्हें कांग्रेस की तरफ से कोई निमंत्रण नहीं मिला। पीटीआई को दिए बयान में पार्टी के एक नेता ने कहा, “हमें कांग्रेस से औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। और अगर हमें यह मिल भी गया तो हमारे इसमें शामिल होने की संभावना बहुत कम है।”

मामले के जानकार मानते हैं कि यह पूरा घटनाक्रम पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों टीएमसी और कांग्रेस – इंडिया ब्लॉक गठबंधन के साझेदारों के बीच बढ़ती दुश्मनी के बीच हुआ है। बनर्जी सहित टीएमसी नेताओं ने कहा है कि यह उनकी पार्टी है जो पश्चिम बंगाल में भाजपा से मुकाबला कर रही है।

इससे पहले मंगलवार को, ममता बनर्जी ने पार्टी की एक आंतरिक बैठक में INDIA गुट के भीतर पश्चिम बंगाल में सीट-बंटवारे की चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी, जिसमें 10-12 सीटों की अनुचित मांग का हवाला दिया गया था, जबकि टीएमसी केवल दो सीटें देने को तैयार है।

असम में न्याय यात्रा के साथ क्या हुआ?
इस वक्त कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम से गुजर रही है। हाल के दिनों में यात्रा ने काफी कुछ देखा। पहले हिमंत बिस्वा सरकार ने कांग्रेस को गुवाहाटी में एंट्री न लेने की सलाह दी थी।

जब कांग्रेस नहीं मानी और 22 जनवरी को राहुल गांधी ने वैष्णव संत श्रीमंत शंकर देव मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन, उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया।

जब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती की तो पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। राहुल गांधी ने हिमंत बिस्वा को देश का सबसे भ्रष्ट सीएम कहा।

जवाब में असम सरकार ने राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसियों के खिलाफ सार्वजनिक स्थानों पर दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया।

असम में कांग्रेस की न्याय यात्रा बहुत जटिल रही है। लेकिन, अब पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है।