बेटे का कत्ल करके भी बच जाएगी हत्यारिन सूचना सेठ? पुलिस को क्यों सता रहा ऐसा डर…

 अपने चार साल के मासूम बच्चे के कत्ल में आरोपी सूचना सेठ पुलिस के सामने अभी तक नहीं टूटी है।  इसने गोवा पुलिस की सिरदर्दी बढ़ा दी है। पहले 6…

बेटे का कत्ल करके भी बच जाएगी हत्यारिन सूचना सेठ? पुलिस को क्यों सता रहा ऐसा डर…

 अपने चार साल के मासूम बच्चे के कत्ल में आरोपी सूचना सेठ पुलिस के सामने अभी तक नहीं टूटी है। 

इसने गोवा पुलिस की सिरदर्दी बढ़ा दी है। पहले 6 दिन की रिमांड पूरी हुई और अब पांच दिन में पुलिस को सूचना का पूरा सच सामने लाना है।

इस केस में रोज नए खुलासे जरूर हो रहे हैं, लेकिन पुलिस के सामने अभी भी कई सवाल हैं जो जस के तस बने हुए हैं। सूचना जिस शातिराना अंदाज में बेटे के कत्ल की पूरी वारदात दबाए हुए है, उसने पुलिस को भी हैरान कर दिया है।

मामूली सी दिखने वाली सूचना ने अभी तक पुलिस के सामने हत्या की बात नहीं कबूली है।

पूछताछ में सूचना न तो घबराई और न ही उसने ऐसे संकेत दिए, जिससे उस पर शक गहरा हो। पूछताछ में सूचना ने ऐसी कई बातें कही हैं, जो उसे इस संगीन जुर्म से बचा सकती है और पुलिस को इसी बात का डर सता रहा है।

गोवा के एक सर्विस अपार्टमेंट में अपने चार साल के बेटे की हत्या की आरोपी और बेंगलुरु की कंपनी की सीईओ सूचना सेठ के बारे पुलिस को मिली नई जानकारी हैरान कर देने वाली है।

सूचना ने भले ही 10 दिनों के लिए होटल बुक कराया हो लेकिन, वह सिर्फ पांच दिन में ही होटल से चेक-आउट कर गई थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सूचना सेठ ने 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक दक्षिण गोवा में सर्विस अपार्टमेंट में पांच दिन बिताए थे।

बेटे के शव के साथ 22 घंटे बिताए
सूचना के बारे में पता लगा है कि वह 4 जनवरी को बेंगलुरु के लिए रवाना हुई और 6 जनवरी की शाम को गोवा लौट आई। उसी दिन रात करीब 11:30 बजे उसने सोल बनयान ग्रांडे सर्विस अपार्टमेंट में चेक इन किया।

शव के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मौत शव बरामदगी से करीब 36 घंटे पहले हुई थी। जिसके मुताबिक, सूचना सेठ ने होटल में चेक-इन करने के दो घंटे के भीतर ही अपने बेटे की हत्या कर दी होगी। पुलिस का ऐसा मानना है कि हत्या के बाद सूचना ने बेटे के शव के साथ होटल के कमरे में लगभग 22 घंटे बिताए।

7 जनवरी को शव के साथ पूरे दिन होटल में ही रही सूचना
पुलिस अधिकारियों के सामने एक बड़ी गुत्थी यह भी है कि 6 जनवरी की देर रात 2 बजे बेटे का कत्ल करने के बाद उसने अगले दिन 7 जनवरी को पूरे दिन होटल में ही वक्त बिताया।

सूचना ने किसी को कॉल या मैसेज नहीं किया। इस दिन वेंकट को अपने बेटे से मिलना तय था लेकिन, सूचना ने न तो उसके मैसेज का रिप्लाई किया और न ही कोई संपर्क किया।

इतना ही नहीं उसने खाने-पीने के लिए रिशेप्शन में भी किसी को कॉल नहीं किया। 7 जनवरी की रात लगभग 11:45 बजे, उसने रिसेप्शन डेस्क पर फोन किया और कहा कि उसे जरूरी काम से बेंगलुरु जाना है और उसके लिए एक कैब का इंतेजाम किया जाए। 

सूटकेस में शव की पैकिंग कैसे की?
पुलिस का कहना है कि सूचना ने निकलते वक्त पहले बेटे के शव को बैग में रखा। उसके ऊपर बेटे के प्रिय खिलौने और कपड़े डाले फिर अपने कपड़े डालकर होटल से निकल गई।

जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो बैग खुलवाया। इस दौरान भी वह बिल्कुल शांत थी। सूचना ने खुद ही बैग खोला और शव के  ऊपर से कपड़े निकाले।

जब पुलिस ने पूछा कि ये शव किसका है? जवाब में सूचना ने कहा कि वह उसका बेटा।

पुलिस ने दोबारा पूछा- बेटे को क्यों मारा? सूचना ने कहा- मैंने अपने बेटे को नहीं मारा। वह तो उसे बहुत चाहती है और अपने बेटे के साथ ही हमेशा रहने के लिए अपने घर जा रही है।

पुलिस को क्यों सता रहा सूचना के बचने का डर?
पुलिस को सूचना की यही कही बात सता रही है कि सूचना बार-बार पूछताछ के दौरान कह रही है कि उसने बेटे को नहीं मारा। सूचना के मुताबिक, बेटा उसके साथ रात को जिंदा ही सोया था।

सुबह मरा हुआ मिला। वह अपने बेटे से अलग नहीं होना चाहती थी। इसलिए वह उसे अपने साथ घर ले जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सूचना बार-बार यही बात कह रही है कि वह लंबे समय तक बेटे के शव के साथ रहने की प्लानिंग कर रही थी। 

पुलिस अधिकारियों को डर है कि सूचना इस आधार पर कोर्ट में सजा से बच सकती है कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। अगर सूचना अपने बयान पर कायम रहती है तो सूचना कत्ल के बाद भी कोर्ट में सख्त सजा से बच सकती है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब सूचना के साथ नई पूछताछ में मनोवैज्ञानिक एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी।

पुलिस का नया हथियार खोलेगा राज
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सूचना ने अभी तक हत्या की बात नहीं कबूली है। इसलिए उसे कोर्ट से पांच और दिन की रिमांड मिल गई है। सूचना से सच उगलवाने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाया जाएगा।

सूचना से पूछताछ के दौरान उसकी हरकतों और बोलने के तरीको को भी गौर किया जाएगा। ताकि सच का पता लग सके कि सूचना कब सच बोल रही है और कब झूठ?