पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत से टपकने लगा पानी, रामपथ सहित कई जगह सड़कें भी धंसी

राम मंदिर के उद्घाटन को अभी 6 महीने भी नहीं बीते हैं। इधर पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत टपकने लगी है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य…

पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत से टपकने लगा पानी, रामपथ सहित कई जगह सड़कें भी धंसी

राम मंदिर के उद्घाटन को अभी 6 महीने भी नहीं बीते हैं। इधर पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत टपकने लगी है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इसकी पुष्टि की है। इसी साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। अभी भी राम मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा और बाहर परिसर में जलभराव हो गया। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर के प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं, जहां अन्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इन कार्यों के लिए अलग विभाग भी बन गया है। ये खुशी की बात है कि मूर्तियों की स्थापना 2025 तक हो जाएगी। जो मंदिर बन गए हैं और जहां रामलला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी टपकने लगा। मंदिर के अंदर भी बरसात का पानी भर गया था। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि बने मंदिरों से क्यों पानी टपक रहा है।

प्री मानसून बारिश में रामपथ सहित कई जगहों पर धंसी सड़कें

 
प्री मानसून की कुछ घंटों की बारिश में शहर में पांच प्रमुख स्थानों पर सड़कें धंस गईं। इनमें रामपथ के तीन स्थानों पर ऐसा हुआ। इसके अलावा चौक के पास रिकाबंगज मार्ग और पुलिस लाइन के सामने वाली सड़क पर भी गड्ढे हो गए। जबकि पुष्पराज चौराहा-फतेहगंज मार्ग का निर्माण कुछ समय पहले ही कराया गया था। रामपथ के निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शनिवार को रात मूसलाधार बारिश हुई। इस बारिश में शहर की सड़कों की दुर्दशा हो गई। पुष्पराज चौराहा से फतेहगंज जाने वाला मार्ग पुलिस लाइन गेट के सामने बड़ी गोलाई में धंस गया। कोई हादसा न होने पाए, इसके लिए स्थानीय लोगों ने आसपास ईंट रखकर और सड़क के गड्ढे में पेड़ की डाल रखकर सुरक्षा घेरा बना दिया। इसी तरह चौक घंटाघर के पास रिकाबगंज मार्ग भी धंस गया। जिस समय सड़क धंसी, उसी वक्त उधर से एक कार गुजर रही थी। कार सड़क पर हुए गड्ढे में फंस गई। क-रिकाबगंज मार्ग पर जिस स्थान पर सड़क धंसी, इसी जगह पर अभी कुछ दिन पहले अमृत योजना के तहत सीवर पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्ढा खोदा गया था। सीवर लाइन बिछाने का काम पूरा होने के बाद सिर्फ गिट्टी डालकर सड़क को अस्थायी रूप से पाट दिया गया। ठीक ढंग से मरम्मत नहीं कराई गई। इसी का नतीजा रहा कि बारिश में यहां पर सड़क धंस गई। गड्ढे में फंसी कार को स्थानीय लोगों ने धक्का देकर बाहर निकाला। हालांकि कार क्षतिग्रस्त हो गई। मौके पर मौजूद नितिन कुमार ने बताया कि मरम्मत का काम मानक के अनुरूप नहीं किया गया था। उधर, रामपथ भी बारिश को न झेल सका। इस पथ पर मुकुट कांप्लेक्स के सामने, जिला अस्पताल के पास और रिकाबगंज चौराहा पर सड़क धंस गई। रामपथ इसके पहले भी बिना बारिश के कई स्थानों पर धंस चुका है। ऐसे में इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं। अब एक बार फिर प्री मानसून की बारिश में इसके धंसने का मामला सामने आया है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल का कहना है कि कुछ जगहों पर सड़क को नुकसान पहुंचने की जानकारी मिली है। मौके पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को भेजकर मरम्मत का काम शुरू करा दिया गया है।